लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में सरकार ने सभी उपयुक्त कदम उठाए हैं और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है तथा ऐसे में राजनीतिक लाभ के लिए विपक्ष को इस मुद्दे को उठाने से बचना चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में गुरूवार को कहा कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
उन्होंने कहा ” वह अभी भी जेल में है और पीड़ित परिवारों को उपयुक्त मुआवजा दे दिया गया है तथा मामले की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट की ओर की जा रही है. ऐसे में विपक्ष को और क्या चाहिए.” दरअसल इस मामले में कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया था और कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने भी पाया है कि किसानों की हत्या एक सुनियोजित घटना थी. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसे खारिज कर दिया था.
इससे पहले सदन की कार्यवाही कई बार बाधित की गई और विपक्षी सदस्यों ने अनेक मसलों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी तथा लखीमपुर हिंसा के मामले में अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे. जैसे ही सदन की बैठक हुई तो विपक्षी नेता राम गोविंद चौधरी ने चंदौली में समाजवादी पार्टी विधायक प्रभु नारायण यादव के कथित पुलिस उत्पीड़न का मामला उठाया और सदन में इस पर चर्चा कराने की मांग की.
इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना पार्टी सदस्यों के साथ अध्यक्ष के आसन के समीप आकर टेनी की बर्खास्तगी की मांग करने लगी और नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद समाजवादी तथा बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने भी वहां आकर नारेबाजी शुरू कर दी. इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे तक स्थगित कर दी थी.