लखनऊ. राजधानी में सिस्टम की लापरवाही से बड़ा हुआ है. जहां एक 6 साल की बच्ची खेलते-खेलते वजीरगंज नाले में बह गई थी. हादसे के 5 दिन बाद बच्ची की लाश मिली है. बच्ची को ढूढ़ने के लिए कई टीम लगी थीं. तलाश में जुटी टीम को बच्ची की लाश गोमती बैराज के पास नदी में मिली है. घटना को लेकर सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर नाला खुला क्यों है, जाली क्यों नहीं लगवाई गई. सिस्टम को क्या किसी के मौत का इंतजार था?
बता दें कि 6 साल की मासूम अपने घर के बाहर खेल रही थी. इस दौरान घर के पास में बह रहे नाले में उसकी चप्पल जा गिरी उसी को देखने के चक्कर में बच्ची का पैर फिसल गया और वह बह गई थी. जब ये हादसा हुआ तब बच्चे के माता-पिता घर पर नहीं थे. वहीं बच्ची के बहने की जानकारी भी परिजनों को घटना के 2 घंटे बाद लगी तो मामले की जानकारी पुलिस को दी थी. उसके बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर तलाश में जुट गई थी.
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वहीं सपा विधायक रविदास मल्होत्रा ने कहा था कि नगर निगम की लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है. इतना बड़ा नाला खुला हुआ है, जो नगर निगम की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है. विधायक ने कहा था कि अगर बच्ची को कुछ हो जाता है तो सरकार परिजनों को एक करोड़ मुआवजा दे.
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