लखनऊ. प्रदेश की योगी सरकार छात्र-छात्राओं के भविष्य और उनके हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. बेहतर शिक्षा माहौल देने के साथ-साथ आर्थिक सहायता के रूप में छात्रवृत्ति प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य लगातार जारी है. इसी क्रम में इस वर्ष एक क्रांतिकारी पहल करते हुए छात्रवृत्ति समय से पहले देने का निर्णय लिया गया है. आगामी 26 सितम्बर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जूपिटर हॉल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में प्रदेश के 4 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी.

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प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में छात्रवृत्ति वितरण व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है. पूर्व में छात्रवृत्ति फरवरी-मार्च माह में दी जाती थी, जबकि अब इसे नवरात्र के सितम्बर माह में वितरित किया जा रहा है, जिससे छात्र-छात्राएं इसका लाभ समय पर उठा सकें. यह छात्र-छात्राओं के लिए एक तरह से दीपावली का गिफ्ट भी होगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में प्रदेश के पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लगभग 59 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिली थी, जबकि वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 70 लाख से अधिक हो जाएगी. सरकार द्वारा छात्रवृत्ति का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है.

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मंत्री ने कहा कि छात्रों को समय से पूर्व छात्रवृत्ति मिल सके, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मार्गदर्शन लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मिलकर व्यापक रणनीति बनाई. यही कारण है कि इस बार छात्रवृत्ति का लाभ छात्रों तक नवरात्र मे पहुंचेगा.

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मंत्री कश्यप ने कहा कि छात्रवृत्ति केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों को उनके सपनों को साकार करने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करने वाला साधन है. सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि किसी भी प्रतिभाशाली छात्र-छात्रा की पढ़ाई केवल आर्थिक अभाव के कारण बाधित न हो. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रदेश के हर जरूरतमंद विद्यार्थी को समय पर छात्रवृत्ति मिले, ताकि वे बिना किसी चिंता के अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें.