विक्रम मिश्र, लखनऊ. पीएसी में तैनात एक मुख्य आरक्षी की नौकरी के महज 6 महीने ही बचे हैं. जबकि असाध्य बीमारियों ने भी उनको जकड़ रखा है, लेकिन प्रमोशन के लिए होने वाली फिजिकल परीक्षा में वो शामिल होंगे और दौड़ेंगे भी. इसी तरह 50 की उम्र पार कर चुके 90 मुख्य आरक्षी लगभग साढ़े तीन किलोमीटर की दौड़ में शामिल होंगे.
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बता दें कि पीएसी में प्रमोशन के लिए फिजिकल टेस्ट के साथ दौड़ होनी है. जिसमें तरीबन 122 जवान शामिल होंगे. ये परीक्षा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड की तरफ से अगले महीने 3 अक्टूबर 2024 को लखनऊ में पीएसी ग्राउंड में आयोजित की जाएगी.
इस नियम के दायरे में कौन आता है
पदोन्नति की दौड़ लगाने के इस नियम के सीमा में नागरिक पुलिस के सिपाही से लेकर आईपीएस अधिकारी तक नहीं आते हैं. जबकि इनका मूल कार्य अपराधियों की धरपकड़ का होता है, जिसमें फिजिकल फिटनेस बहुत ही आवश्यक होती है. बावजूद इसके पीएसी और अग्निशमन सेवा के कर्मियों को पदोन्नति का लाभ लेने के लिए इस परीक्षा से गुजरना पड़ता है.
3 साल पहले दौड़ते ही चली गई थी जान
तीन साल पहले अग्निशमन सेवा के मोहन राम जिनकी उस समय उम्र 56 साल थी. पदोन्नति के लिए दौड़ लगाते ही मृत्यु हो गई थी. 6 महीने पहले पीएसी की वाहिनी में दोबारा परीक्षा के दौरान लकड़ी का पैर लगाकर पीएसी का मुख्य आरक्षी दौड़ में शामिल हुआ था. उसे भी इस पदोन्नति में कोई रियायत नहीं दी गई थी.
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