लखनऊ. यादव कथावाचकों से बदसलूकी करने का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है. इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर सियासत हो रही है. इस मामले में अब कवि कुमार विश्वास का बयान सामने आया है. उन्होंने भक्ति को जाति के दायरे में बांधने को गलत ठहराया है.

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कुमार विश्वास ने कहा, इस तरह के विवाद धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को कमजोर करते हैं. कथावाचक का काम भगवान और भक्तों के बीच सेतु बनाना है न कि सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देना. उन्होंने समाज से जातिवाद से ऊपर उठकर धार्मिक एकता पर ध्यान देने की अपील की. साथ ही इस मुद्दे को अनावश्यक करार दिया.

जानें क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र के गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायकक संत कुमार यादव की जाति पूछी गई. जाति बताने के बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने बदसलूकी की थी. लोगों ने उनकी चोटी और बाल काट दिए थे. जातिसूचक शब्द कहते हुए वीडियो भी बनाया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें फर्जी कथावाचक (Etawah Kathavachak Vivad) बताकर बंधक बनाया गया. संत कुमार के चोटी और बाल काटे गए और एक महिला से जबरन पैर छुआए गए. इसके साथ ही हारमोनियम भी तोड़ दिया गया और उन पर मानव मूत्र का छिड़काव किया गया. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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