विक्रम मिश्र, लखनऊ. मामला मेरठ जिले का है, जहां पर प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह बैठक लेने और स्वच्छता पखवाड़े के लिए ज़रूरी दिशा निर्देश देने गए थे. लेकिन ऐसा हुआ कि वो नाराज़ हो गए. आप भी जानिए की ऐसा क्या हुआ, जिससे कि प्रभारी मंत्री का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया.

दरअसल, मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह विकास भवन में बैठक में शामिल हुए तो जिले में तैनात किसी भी वरिष्ठ अधिकारियों को वहां न पाकर वो गुस्सा हो गए. उन्होंने ने वहां पर अधिकारियों की हाजिरी लेनी शुरू कर दी. जिसमें उन्होंने एक-एक करके पूछना शुरू कर दिया और मेरठ में तैनात मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने जवाब देना शुरू किया.
नगर आयुक्त हैं, सर अभी ज्वाइन नहीं किए. मुख्य अभियंता सिंचाई, सर शासन बैठक में गए हैं. डीआईओएस, सर छुट्टी पर गए हैं. EXEN बिजली, सर एसई हैं.

इसी प्रकार अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी का नाम धर्मपाल सिंह लेते गए और मुख्य विकास अधिकारी जवाब देती रही. जिस पर प्रभारी मंत्री ने जिलाधिकारी को कहा कि मंत्री की बैठक में प्रोटोकॉल का ध्यान रखिये. ऐसे गैरजिम्मेदाराना रवैये से कैसे जिले पर ध्यान देंगे आप लोग, हालांकि अधिकारियों के पास स्पष्टीकरण बहुत तगड़ा होता है. लेकिन आप सब इस तरह से मंत्री की मीटिंग का स्तर न गिराए.

सीएम ने अधिकारियों को टच में रहने के दिये थे निर्देश फिर ऐसा क्यों

गौरतलब है कि अभी दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों और प्रभारी मंत्रियों की बैठक लोकभवन में किया था. जिसमें VC के ज़रिए जिलों के अधिकारियों को प्रभारी मंत्रियों के साथ सतत सम्पर्क में रहने की सख्त हिदायत भी दी गई थी. लेकिन मेरठ जिले में हुई पहली बैठक ने ही अधिकारियों का शासन के प्रति रवैय्ये की बखिया उधेड़ कर रख दिया.

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