प्रयागराज. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महाकुम्भ 2025 के लिए भारतीय रेल की व्यापक तैयारियों की स्व-समीक्षा करने के लिए सुबह प्रयागराज का दौरा किया. इस भव्य धार्मिक समागम के पैमाने और महत्व को पहचानते हुए, उन्होंने जमीनी परिचालन का आंकलन करने के लिए उत्तर मध्य रेल (एनसीआर), उत्तर पूर्व रेल (एनईआर) एवं उत्तर रेल (एनआर) के तहत विभिन्न स्टेशनों का दौरा किया. दौरे के दौरान उन्होंने रेलवे कर्मियों के साथ बातचीत की और प्रमुख व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल कर्मयोगियों के उत्कृष्ट समर्पण की सराहना करते हुए व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और इस तरह के आयोजन के प्रबंधन में भूमिका निभाने वाले रेलवे कार्यबल के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की. यात्रियों की सहायता करने वाले फ्रंटलाइन कर्मयोगियों से लेकर सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस कर्मियों तक निर्बाध ट्रेन संचालन को बनाए रखने वाले इंजीनियरों से लेकर सफाई कर्मचारियों तक एवं चिकित्सा सहायता प्रदान करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर यात्रा को सुविधाजनक बनाने वाले हेल्प डेस्क अधिकारियों तथा बुकिंग कर्मचारियों तक सभी के योगदान को सराहा.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टीटीई, ड्राइवरों, सहायक ड्राइवरों, सिग्नल और दूरसंचार कर्मियों, टीआरडी और इलेक्ट्रिकल टीमों, एएसएम, नियंत्रण अधिकारियों, ट्रैकमैन और रेलवे प्रशासकों के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिनके समन्वित प्रयासों से इस विशाल उपक्रम का सुचारू निष्पादन सुनिश्चित हुआ. उन्होंने पहली से आखिरी पंक्ति तक हर कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया. उन्होंने स्टेशनों पर जाकर पहली से आखिरी पंक्ति तक हर कर्मचारी से मिलकर धन्यवाद ज्ञापित कर उत्साहवर्धन किया और सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिन्होंने लाखों तीर्थयात्रियों के लिए महाकुम्भ 2025 का निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे अथक प्रयास किया .

अभूतपूर्व रेल संचालन

महाकुम्भ 2025 के लिए भारतीय रेल ने अपनी प्रारंभिक संचालन योजना से कहीं अधिक सेवाएं प्रदान की. कुल 17,152 ट्रेनों का संचालन किया गया, जो कि नियोजित 13,000 ट्रेनों से अधिक था और पिछले कुंभ की तुलना में चार गुना वृद्धि दर्शाता है. इसमें 7,667 विशेष ट्रेनें और 9,485 नियमित ट्रेनें शामिल थीं, जिससे श्रद्धालु सुचारू और कुशल यात्रा कर सकें. महाकुम्भ में कुल 66 करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित हुए, जिनमें से केवल प्रयागराज के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 4.24 करोड़ यात्रियों के लिए प्रबंधन किया गया.

प्रयागराज क्षेत्र में यात्री सुविधाओं में वृद्धि

बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए भारतीय रेल ने प्रयागराज के नौ प्रमुख स्टेशनों पर व्यापक अवसंरचना और परिचालन संवर्द्धन लागू किया, जिसमें आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए दूसरा प्रवेश द्वार, 48 प्लेटफ़ॉर्म और 21 फ़ुट ओवर ब्रिज (FoB) का निर्माण किए गए. अत्याधिक संख्या को नियंत्रित करने के लिए फ़ेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) और ड्रोन निगरानी सहित 1,186 सीसीटीवी कैमरों के साथ निगरानी को सुदृढ़ किया गया. अत्यधिक व्यस्ततम समय में भीड़भाड़ को प्रबंधित करने के लिए 23 स्थायी होल्डिंग एरिया स्थापित किए गए, जबकि मल्टीलैंग्वेज अनाउंसमेंट और 23 भाषाओं में बुकलेट द्वारा यात्री सुविधाओं को बेहतर किया गया. 151 मोबाइल यूटीएस काउंटर और एक क्यूआर-आधारित प्रणाली सहित 554 काउंटरों के साथ टिकट सुविधाओं का विस्तार किया गया. इसके अतिरिक्त, निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए 21 रोड ओवर और अंडर ब्रिज (आरओबी/आरयूबी) का निर्माण किया गया.