लखनऊ. नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य में जातिगत उत्पीड़न की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है. उनका कहना है कि वंचित वर्ग के उत्पीड़न के मामलों में पुलिस-प्रशासन का अधिकतर मामलों में आरोपी पक्ष की ओर झुकाव का होता है.
सांसद चंद्रशेखर ने पत्र में कहा कि संविधान ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और ST/SC को उचित प्रतिनिधित्व देने की व्यवस्था की है. यह स्थिति न सिर्फ अधिक चिंताजनक बल्कि अस्वीकार्य भी है. अक्सर पीड़ितों को FIR दर्ज कराने से मना कर दिया जाता है. यहां तक कि कई बार एफआईआर दर्ज भी हो तो उसमें कमजोर धाराएं लगाई जाती हैं या पीड़ित की तहरीर के साथ छेड़छाड़ की जाती है.
बनानी चाहिए ठोस प्रणाली
सांसद ने जोर देकर कहा कि एक सभ्य समाज के निर्माण में ऐसी स्थिति न केवल बड़ी रुकावट है, बल्कि पीड़ादायक भी है. दोषियों को सजा देने की ठोस प्रणाली बनानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी वंचित वर्ग को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े. सरकार को सभी नागरिकों को समान न्याय और सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए. उन्होंने यह निवेदन किया कि जो भी व्यक्ति इन मामलों की रिपोर्ट करता है, उसे संरक्षण मिलना चाहिए. ताकि वे बिना डर के अपनी आवाज उठा सकें.
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