बाराबंकी. एम्बुलेंस के फर्जी कागजात लगाकर माफिया डॉन बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को निजी प्रयोग के लिए देने वाली डॉ. अल्का राय व उनके सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय की जमानत याचिका शुक्रवार शाम को प्रभारी सेशन न्यायाधीश बालकृष्ण एन. रंजन ने खारिज कर दी. दोनों ही डाक्टरों मऊ जिले के निवासी और पंजाब प्रांत में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पेशी के लिए ले जाए जाने वाले वाहन के रूप एम्बुलेंस का प्रयोग बीते कई वर्षों से होता चला आ रहा था. वो तो मार्च महीने में सोशल मीडिया पर एम्बुलेंस का नम्बर वायरल होने के बाद एआरटीओ कार्यालय बाराबंकी में हड़कंप मच गया था.

एआरटीओ प्रशासन ने यूपी 41 एटी 7171 नम्बर के कागजात निकलवाए. उसमें डॉ. अल्का राय के नाम व पते पर दर्ज थी पता मकान नम्बर 56 मोहल्ला रफी नगर थाना कोतवाली नगर निकला तो मौके पर तफ्तीश के लिए कोतवाली पुलिस पंहुची. उस मकान में परिवार सहित रह रहे प्रदीप मिश्रा ने बताया कि इस मकान में मेरा परिवार बीते कई दसको से रह रहा है. यहां पर कभी कोई डॉ. अल्का राय नाम की महिला या फिर पुरूष डॉ. रहा ही नहीं है. उसके बाद मौके पर गई कोतवाली पुलिस ने इसकी सूचना पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद को दी तो उनके निर्देश पर थाना कोतवाली नगर में डॉ. अल्का राय के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया. विवेचना अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक अपराध कोतवाली नगर महेंद्र प्रताप सिंह को पुलिस अधीक्षक ने सौंपी. उसके बाद उनकी विवेचना में निकल कर आया कि डॉ. अल्का राय मऊ जिले में ही श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालक है. उनका गृह जिला भी मऊ है.

उसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल ही डॉ. अल्का राय की गिरफ्तारी के आदेश पुलिस टीम को दे दिए और निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह की टीम को मऊ रवाना कर दिया वहां पंहुचे निरीक्षक ने विवेचना शुरू की तो एक और व्यक्ति जो की खुद भी डॉ. है उनका भी नाम निकल कर आया और उनको भी मऊ जिले के लिए गई पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया और बाराबंकी की जेल भेज दिया. उसी विवेचना बढ़ती गई तो राजनाथ यादव, आंनद यादव, शाहिद व सैय्यद मुजाहिद का नाम भी सामने आया. पुलिस उनकी भी गिरफ्तारी के लिए जाल बुनने लगी तो आरोपी भी लापता होते गए. इस बीच आंनद यादव को पुलिस टीम ने एनएच 21 पर कोतवाली नगर क्षेत्र के एक ढ़ाबे से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि वो आत्मसमर्पण करने की फिराक में आया था.

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बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि डॉ. अल्का राय व उनके ही साथ मे जेल में बंद डॉ. शेषनाथ राय समाजसेवी चिकित्सक है डॉ. शेषनाथ राय मऊ जिले में ही स्थित एक पीएचसी में आयुष चिकित्सक व डॉ. अल्का राय एक प्रतिष्ठित अस्पताल चला रही है, जिनकी समाज को जरूरत है इसलिए इन दोनों को ही जमानत मिलनी चाहिए लेकिन मुख्तार अंसारी का नाम सुनते ही प्रभारी सेशन जज ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया और जेल में ही रखने का आदेश दे दिया.

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