विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब सबसे ज्यादा ग्रामीण बैंक के ब्रांच होंगे. इतना ज्यादा की संख्या में एसबीआई (SBI) भी ग्रामीण बैंक से टक्कर नही ले पायेगा. यह नया बैंक प्रदेश की तीनों ग्रामीण बैंकों के मर्जर के बाद आकार लेगा. इसका नाम यूपी राज्य ग्रामीण बैंक होगा. जिसकी रूपरेखा के लिए कवायद केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है.
बड़ौदा यूपी बैंक, आयावर्त बैंक और प्रथमा यूपी बैंक सहित अन्य राज्यों में जहां एक से अधिक ग्रामीण बैंक मौजूद हैं उनके विलय की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्य सरकार और प्रायोजक बैंक को पत्र भेजकर 20 नवंबर तक अपनी सहमति भेजने को निर्देशित किया है.
RRB होगा एक देश-एक बैंक
एक देश एक पहचान पत्र की तर्ज पर अब एक प्रदेश एक आरआरबी यानी रीजनल रूरल बैंक (Regional Rural Bank) की पहल की गई है. इसके अमल में आते ही देश में ग्रामीण बैंकों की संख्या घट जाएगी. वहीं यूपी के तीनों ग्रामीण बैंकों के विलय से यूपी राज्य ग्रामीण बैंक आकार लेगा.
बैंक एसोसिएशन ऑफ यूपी के पदाधिकारी के विमल के अनुसार इसके तहत बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रायोजिक बड़ौदा यूपी बैंक के साथ बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित आर्यावर्त बैंक व पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक का विलय होगा. इसके विलय होने से बैंकों को ऋण देने की क्षमता में वृद्धि होगी साथ ही साथ पारदर्शिता भी आएगी.
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