वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर यानी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा कर करखियां में बनास डेयरी काशी संकुल का शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री इससे पहले 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना का अनावरण करने के लिए वाराणसी में थे.

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस परियोजना का उद्देश्य पूर्वाचल क्षेत्र के किसानों और दुग्ध उत्पादकों को सशक्त बनाना और सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना है. मोदी 2020-21 के लिए साल के अंत में लाभांश के रूप में लगभग 1,75,000 दूध किसानों के बैंक खातों में 35.19 करोड़ रुपए डिजिटल रूप से स्थानांतरित करेंगे. जुलाई 2021 में बनास डेयरी ने मॉडल डेयरी फार्मिंग के लिए वाराणसी के किसान परिवारों को सर्वश्रेष्ठ देशी नस्लों की 100 गायें उपलब्ध कराईं. इन किसानों को पशुपालन और डेयरी फार्म प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया और पशुपालन के लिए निरंतर मार्गदर्शन की व्यवस्था की गई. वर्तमान में वाराणसी में 111 स्थानों से प्रतिदिन 25,000 लीटर से अधिक दूध की खरीद की जाती है.

बनास डेयरी अब लखनऊ और कानपुर के बाद वाराणसी में अपना तीसरा प्लांट लगा रही है. इसकी क्षमता 5 लाख लीटर प्रतिदिन होगी, जिसे 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है और 475 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 30 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा. प्लांट में प्रतिदिन 50,000 लीटर आइसक्रीम, 20 टन पनीर, 75,000 लीटर बटर मिल्क, 50 टन दही, 15,000 लीटर लस्सी और 10,000 किलोग्राम मिठाई का भी उत्पादन होगा. संयंत्र में एक बेकरी इकाई भी होगी और इसमें महिलाओं और बच्चों के लिए पोषक तत्वों की खुराक का उत्पादन करने के लिए टेक होम राशन संयंत्र शामिल होगा.

इस परियोजना से वाराणसी, जौनपुर, मछलीशहर, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर और आजमगढ़ जैसे पूर्वाचल क्षेत्र के 1,000 पड़ोसी गांवों के स्थानीय किसानों को लाभ होगा और उन्हें प्रति माह उनके दूध के लिए 8,000-10,000 रुपए मिलेंगे. ग्राहकों को सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद भी मिलेंगे. प्रवक्ता ने कहा कि इस परियोजना से संयंत्र में 750 लोगों, संबद्ध कार्यो में लगभग 2,350 लोगों और गांवों में लगभग 1,00,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है.