बहराइच. आल इंडिया एमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को बहराइच कार्यालय पहुंचेगे. यूपी में ओवैसी की एंट्री से विपक्षियों में खलबली मच गई है. यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. विपक्षी पार्टियों के छूट पसीने सकते हैं.

कहते हैं आदमी के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर गुजरता है, अगर किसी आदमी को अपना बनाना है तो पहले उसके पेट का ध्यान रखना होगा. लगता है आल इंडिया एमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी कुछ इस तरह ही देश के दिल यानि दिल्ली पर सत्ता पाने के लिए उसके पेट यानि उत्तर प्रदेश पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. वैसे तो ये बात किसी से छुपी नहीं है कि उत्तरप्रदेश का मूड देश की राजनीति की दिशा और दशा दोनों तय करता है. और अब यूपी के चुनावों में भी ज्यादा समय नहीं है. सात महीने बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसके चलते हर पार्टी दिल्ली में अपना पांव जमाने के लिए यूपी में अपने कदम रखना चाहती हैं. इस क्रम में अब ओवैसी का नाम भी जुड़ गया है. जो जनवरी में ही यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं.

दरअसल 8 जुलाई को असदुद्दीन ओवैसी “उत्तर प्रदेश पूर्वांचल कैम्प कार्यालय” का उद्घाटन करने के लिए बहराइच आने वाले हैं. ओवैसी एआरटीओ आफिस के निकट लखनऊ-नानपारा बाईपास पर स्थित मुनीशा काम्प्लेक्स में कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. उनके यहां पर दोपहर 2 बजे तक पहुंचने की संभावना है. और उनके यहां आने से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जनाब हाजी शौकत अली बुद्धवार शाम 4 बजे कार्यालय पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया. ताकि ओवैसी के आने पर किसी भी तरह से अफरा तफरी का माहौल पैदा ना हो.

हालांकि ओवैसी का यूपी की सत्ता में काबिज होना के सपने का पूरा होना आसान नहीं हैं. क्योंकि उनका मुकाबला सीएम योगी आदित्यनाथ से है. जो अपनी कट्टरपंथी हिन्दुत्व विचारधारा के लिए जाने जाते हैं. इसके साथ ही विपक्ष के रूप में काफी समय से शांत बैठी कांग्रेस भी इस बार के विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए एडी चोटी का जोर लगाने वाली है. आखिर में देखना ये होगा कि एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का देखा ये सपना साकार हो पाता है, या फिर उन्हें यूपी में नाराजगी हाथ लगती है.

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