प्रयागराज. लोकसेवा आयोग के बाहर अपनी मांग को लेकर 4 दिनों तक प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में संस्कृति IAS कोचिंग ने अपने छात्रों को समर्थन करने के लिए भेजा था. साथ ही खाने की व्यवस्था भी कराई थी. ये बात योगी सरकार और नाकारा प्रशासन को इतनी नागवार गुजरी कि अब कोचिंग सेंटर को ही सील कर दिया है. इस कार्रवाई के बात योगी सरकार पर सवाल खड़ा हो रहा कि अगर कोई अपने हक के लिए आवाज उठाएगा तो सत्ता में बैठे लोग उसका बदला लेने पर उतारू हो जाएंगे? इस कार्रवाई को तानाशाही कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा.
बता दें कि लोकसेवा आयोग के बाहर बड़ी संख्या में छात्र एक दिन एक परीक्षा की मांग कर रहे थे. इस प्रदर्शन का समर्थन करने संस्कृति IAS कोचिंग के छात्र भी पहुंचे थे. जिनका कोचिंग सेंटर समर्थन कर रहा था. छात्रों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसलिए कोचिंग सेंटर ने खाने की व्यवस्था की, लेकिन ये करना उस पर भारी पड़ गया. अब कोचिंग सेंटर प्रयागराज विकास प्राधिकरण के नजरों में चढ़ गया है. क्योंकि, कोचिंग सेंटर ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की हिमाकत जो दिखाई.
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वहीं अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से कोचिंग की बिल्डिंग को अवैध तरीके से निर्माण बता रहा है. नोटिस बोर्ड भीलगाया है कि यह बिल्डिंग अनधिकृत है. सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि आखिर प्रदर्शन के बाद ही बिल्डिंग अनधिकृत कैसे हो गई. कोचिंग तो पिछले 2 साल से चल रही है. क्या अब तक प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी नींद में थे. या फिर कोई कमीशन मिला था या सरकार के इशारों में ये किया जा रहा?
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