प्रयागराज. महाकुंभ भगदड़ के बाद से ही प्रयागराज पहुंचने वाली सभी सीमाएं को सील किया गया है. 8 जिलों को जोड़ने वाले सभी हाइवे अब तक बंद हैं. प्रयागराज में मंगलवार रात से हर तरह के वाहन का प्रवेश रोक दिया गया है. जिसके चलते प्रयागराज आने वाली सभी हाइवे बंद पड़े हैं. इन बंद हाइवे पर लाखों लोग फंसे हुए है. अब सवाल उठ रहा है कि इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? आखिर इतने बड़े आयोजन के बाद भी तैयारियां अधूरी कैसे रह गई.

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बता दें कि 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु लखनऊ की सीमा में ही फंसे हुए हैं. वहीं लखनऊ वापस आने वाले 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भी प्रयागराज में फंसे हैं. जीटी रोड पर वाराणसी से गया तक 250 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा हुआ है. जाम ऐसा है कि अगर तेजी के साथ भी हटाया गया तो एक दिन से अधिक समय लग जाएगा. प्रशासन ने अभी तक स्थिति साफ नहीं की है कि कब तक ये मार्ग खुलेंगे. मध्य प्रदेश बॉर्डर, फतेहपुर कौशांबी, लखनऊ हाइवे, प्रतापगढ़ अयोध्या हाइवे, कानपुर GT रोड, वाराणसी हाइवे सब बंद पड़े हैं. संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना मुश्किल साबित हो रहा है.  

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जानकारी के मुताबिक वाराणसी में इस समय 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं. वहीं कई ट्रेनों के रद्द होने से 5 लाख से ज्यादा यात्री फंस गए हैं. इसके अलावा ट्रेनों में जगह नहीं मिलने की वजह से करीब ढाई लाख लोगों की यात्रा टल गई है. बनारस कैंट रेलवे स्टेशन पर ढाई लाख से ज्यादा यात्री मौजूद हैं. रेलवे प्रशासन ने इन्हें होल्डिंग एरिया में रोका है. भगदड़ के बाद कई ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है. 29 जनवरी को ये ट्रेनें वाराणसी रेलवे स्टेशन नहीं पहुंची. इस वजह से हजारों लोग अपने गंतव्य के लिए रवाना नहीं हो पाए.

मंगलवार रात मची थी भगदड़

महाकुंभ क्षेत्र में मंगलवार रात करीब 2 बजे अचानक भगदड़ मच गई थी. जिसमें 30 लोगों की मृत्यु हुई है. 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है. शेष घायलों को उनके परिवार से सदस्य लेकर चले गए हैं. मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो सकता है. अभी भी मेला क्षेत्र में कई लोग स्वजनों को खोज रहे हैं. जिनका कोई पता नहीं चल रहा है. प्रशासन लगातार राहत बचाव कार्य चला रहा है. मौके पर भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मौके पर तैनात है. घटना में घायल हुए लोगों का अलग-अलग अस्पताल में एडमिट किया गया.