प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत हुए 3 साल से अधिक समय बीत गया है. लेकिन अब तक मौत की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है. इस केस में 101 लोगों को गवाह बनाया गया है, लेकिन अब तक मामला अटका ही हुआ है और तारीख के बीच उलझ कर रह गया है. अब मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर तय की गई है.
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बता दें कि 20 सितंबर 2021 को बाघम्बरी स्थित मठ के अतिथि कक्ष में महंत नरेंद्र गिरि फंदे से लटके मिले थे. उन्होंने सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने आत्महत्या के पीछे की वजह लिखी थी. उसके बाद जार्जटाउन पुलिस ने महंत के शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा लिखा था.
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वहीं जांच करने के बाद पुलिस ने दिसंबर 2021 को चार्जशीट दाखिल किया. लगभग 101 गवाह बनाए गए. इसमें पुलिस अधिकारी,फॉरेंसिक के अधिकारी,महंत,आश्रम कर्मचारी समेत कई अन्य शामिल हैं. आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के विरुद्ध 306 और 120बी के तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की कोर्ट में आरोप तय किए गए. जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि के मुताबिक अमर गिरि की गवाही के बाद केस को जिला जज संतोष राय ने एडीजे-नौ अंजू कनौजिया की कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था.केस में अब तक अमर गिरि की एक बार गवाही हुई है, जबकि रविंद्र पुरी की गवाही पूरी चुकी है. जिरह चल रही है. अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.
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