कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) की प्रोफेसर को पीएम केयर फंड से भेजे गए एग्वा के खराब वेंटिलेटर पर सवाल पूछने की सजा निलंबन के रूप में मिली है. इसके साथ ही अब विभागाध्यक्ष से भी जवाब तलब किया गया है.

दरअसल पीएम केयर फंड से मिले एग्वा कंपनी के खराब वेंटिलेटर पर सवाल पूछने पर मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. नेहा अग्रवाल के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है. शासन के इस फैसले से डॉक्टरों के बीच भारी रोष बन गया है. इस बीच एचओडी डॉ. यशवंत राव से भी जवाब तलब किया गया है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज को मरीजों के बेहतर इलाज के लिए अप्रैल 2020 में एग्वा कंपनी के वेंटिलेटर दिए गए थे. बाल रोग विभाग में जुलाई के पहले सप्ताह में ही वेंटिलेटर चलते-चलते बंद हो गया था. तब बीमार बच्ची को एडवांस वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था, लेकिन उसकी चार दिन बाद ही मौत हो गई थी.

इस पर पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) की इंचार्ज डॉ. नेहा अग्रवाल विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर वेंटिलेटर खराब होने की बात कही थी, जिस पर विभागाध्यक्ष यशवंत राव ने तत्कालीन प्राचार्य डॉ. आरबी कमल को पत्र लिखकर कहा था कि, वेंटिलेटर उपयोग लायक नहीं हैं. इसके बाद शासन ने डॉक्टर को ही बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहराया था. अब चर्चा है कि सवाल उठाना शासन को नागवार गुजरा तो सवाल उठाकर कौन अपनी गर्दन फंसाए. डॉ. नेहा अग्रवाल के निलंबन से विभाग के अन्य डॉक्टर भारी गुस्सा में हैं.