रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. जिले के जगतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत शंकरपुर के राना पार्क में पिछले कई महीनों से फटा हुआ तिरंगा झंडा फहराया जा रहा है. यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब फटे तिरंगे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इस पर गहरी नाराजगी और चिंता जताई. इस घटना ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर भी सवाल खड़े किए हैं.

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बता दें कि पहलगाम हमले के बाद से पूरे देश में राष्ट्रीय एकता और सम्मान के प्रतीक तिरंगे को लेकर विशेष सतर्कता और संवेदनशीलता बरती जा रही है. देश में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ जागरुकता बढ़ाने और देशभक्ति को प्रोत्साहन देने के लिए तिरंगा यात्राएं आयोजित की जा रही हैं. ऐसे में रायबरेली जैसे महत्वपूर्ण जिले में तिरंगे का अपमान न केवल स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव के प्रति लापरवाही को भी दर्शाता है.

कई बार शिकायत करना भी बेअसर

जिला पंचायत सदस्य राकेश सिंह राणा का कहना है कि इस झंडे के लिए मैंने कई बार जिला पंचायत के उच्चाधिकारी से शिकायत की, लेकिन यह बदला नहीं गया. प्रशासनिक अमले का किस तरह का रवैया है तिरंगा झंडा के प्रति, तो जिले के विकास में इनका योगदान कैसा होगा आप भली भांति अंदाज लगा सकते हैं.

फटे तिरंगे को देखकर लोगों में आक्रोश

शंकरपुर राणा पार्क में फटे तिरंगे को देखकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश है. एक स्थानीय निवासी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने बताया, “तिरंगा हमारी शान है, इसे फटा हुआ देखना दिल को दुख देता है. महीनों से यह हाल है, लेकिन न प्रशासन ने ध्यान दिया, न ही हमारे जनप्रतिनिधियों ने. यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है.” कई अन्य नागरिकों ने भी इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की.

राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना दंडनीय अपराध

भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज को हमेशा सम्मानजनक स्थिति में रखना अनिवार्य है. संहिता के भाग II, खंड 1.2 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तिरंगा कभी भी फटा, मैला, या क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए. यदि झंडा क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो उसे तत्काल बदल देना चाहिए और पुराने झंडे का सम्मानपूर्वक निपटान करना चाहिए. इसके अलावा, राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना दंडनीय अपराध है, जिसमें 3 साल तक की कैद, जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है.

वहीं जब इस मामले को ऊंचाहार के उप-जिलाधिकारी के समक्ष उठाया गया, तो उन्होंने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में अभी तक नहीं था. अब जानकारी मिली है, मैं इसे तुरंत बदलवाने का प्रयास करुंगा.