कानपुर- कानपुर देहात मे पुलिस का घिनौना कारनामा देखने को मिला,जहां पुलिस ने जबरन 15 वर्षीय किशोरी के परिजनो का धमका कर रेप के मामले मे समझौता करवा दिया और नाबालिग रेप पीड़िता को उपचार कराने की जगह थाने से घर भेज दिया. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने न ही रेप के आरोपी को गिरफ्तार किया और न ही मामले मे केस दर्ज किया. वहीं दुष्कर्म पीड़िता के परिजनो ने पुलिस पर आरोप लगाते हुये जिले के एसपी से न्याय की गुहार लगाई और अपनी आप बीती सुनाई. एसपी के आदेश के बाद पुलिस ने आनन फानन मे मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पूरा मामला कानपुर देहात की कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र के गाव गौरन विलई का है, जहां गांव की एक नाबालिग किशोरी और उसके परिजनो समेत ग्रामीणो ने पुलिस पर आरोप लगाते हुये बताया कि 20 अप्रैल की रात्रि को किशोरी के परिजन गाव मे हो रही शादी समारोह मे गए हुये थे. तभी गाव के दबंग युवक ने किशोरी को घर मे अकेला देख कर जबरन उठा ले गया और उसके साथ मारपीट कर जबरन रेप की घटना को अंजाम दिया,फिर मौके से फरार हो गया. गंभीर हालत मे घर पहुची किशोरी ने अपनी आप बीती अपने परिजनो को बताई. इसके बाद किशोरी के परिजनो ने डायल 112 पुलिस को काल कर बुलाया.| डायल 112 पुलिस ने पीड़िता समेत उसके परिजनो को थाने पर छोड़ दिया. परिजनों के मुताबिक थाना पुलिस ने पीड़िता और उसके परिजनों को धमका कर मामले मे समझौता करवा कर घर वापस भेज दिया.
गांव वालों के मुताबिक पुलिस ने न ही गंभीर रूप से घायल पीड़िता को उपचार के लिए अस्पताल भेजा और न ही केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया. थाना पुलिस की कार्यशैली से परेशान हो कर किशोरी के परिजनो ने जिले के एसपी से न्याय की गुहार लगाई.एसपी के आदेश पर आनन फानन में थाना पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. बहरहाल थाना पुलिस की कार्यशैली ने जिले की पुलिस को कठघरे मे खड़ा कर दिया है. जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, वहीं थाना पुलिस रेप के मामले मे समझौता करवा कर सरकार के आदेशो की धज्जिया उड़ाने मे लगी है.