लखनऊ। एक मजदूर काम करके साइकिल से घर लौट रहा था, लेकिन रास्ते में ही तेज रफ़्तार सफारी ने टक्कर मार दी. जब घायल युवक को इलाज के लिए हास्पिटल ले जाया गया तो डाक्टरों ने इलाज से पहले ही कोरोना जांच रिपोर्ट की मांग की. रिपोर्ट के इंतजार में मजदूर ने ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया.

मृतक युवक के पिता ने अज्ञात सफारी कार चालाक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पिता ने बेटे को ट्रॉमा में इलाज न मिल पाने की व्यथा भी बताई है.

गढ़ी मेंहदौली निवासी केसरवानी ने बताया कि उनका बेटा रजनीश साइकिल से मजदूरी करने जा रहा था. जब वह गौरा के पास सूर्या इंजीनियरिंग कॉलेज के पास पहुंचा तो पीछे से आ रही सफारी के चालक ने टक्कर मार दी. जिससे उनका बेटा गंभीर रूप से जख्मी हो गया. ग्रामीणों की मदद से पुलिस बेटे को सीएचसी मोहनलालगंज ले जाया गया. जहां एक इंजेक्शन लगाकर हालत गंभीर बताकर ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. परिजन एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर ले गए.

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दो घंटे तक ट्रामा सेंटर में नही मिला उपचार 

आरोप है कि 30 मिनट तक उनका बेटा एंबुलेंस में बिना उपचार के पड़ा रहा. बाद में एंबुलेंस चालक उतार कर चला गया. पिता ने आरोप लगाया कि दो घंटे तक ट्रामा सेंटर में बेटे को उपचार नही मिला. बताया गया कि बिना कोरोना जांच के डाक्टर उपचार नही करेंगे. लाचार पिता निजी एंबुलेंस से बेटे को निजी अस्पताल ले गया जहां डाक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.