गोविंद पटेल, कुशीनगर. भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों किसान जिला मुख्यालय पहुंचे. जहां किसानों ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि जनपद कुशीनगर गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है. इस जनपद में सबसे ज्यादा गन्ने की पैदावार होती है और किसानों का नकदी फसल गन्ना ही है. लेकिन इसके बाद भी इस जनपद में आज की तारीख में पांच चीनी मिलें UPSSCL की लक्ष्मीगंज, रामकोला, छितौनी, पड़रौना और कटकुइयां पहले से ही बंद पड़ी हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किसानों के गन्ने का भुगतान करोड़ों रुपये बकाया है. जो कि समय से नहीं होने से कप्तानगंज चीनी मिल विगत दो वर्ष से ऊपर हो गए बंद पड़ी है. किसानों का भुगतान अभी भी करोड़ों रुपये बकाया है. अब प्रश्न ये उठता है कि जिस जनपद का किसान सिर्फ गन्ने की खेती करके अपना घर चलाता हो और वहां की 6 चीनी मिलें बंद पड़ी हों तो किसान अपने गन्ने को लेकर कहां जाएगा.

किसानों का कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी ने जनपद कुशीनगर के किसानों को दिन में ही सपने दिखाकर चले गए कि हम पड़रौना की बंद चीनी मिल को 100 दिन में शुरु करेंगे. यही नहीं सितम्बर 2021 में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कुशीनगर के कप्तानगंज से किसानों से वादा किया कि हम जनपद में एक नई चीनी मिल देंगे. लखनऊ किसान सम्मेलन से भी किसानों से वादा किया गया कि हम जर्जर से जर्जर बंद चीनी मिलों को चलवाएंगे.

इसे भी पढ़ें : थाली में परोसी गई मछली, अंधेरे में सब चट कर गए, लाइट आई तो पता चला छिपकली खा गए

केंद्र की सरकार हो या उत्तर प्रदेश की सरकार हो जब-जब चुनाव आता है तब-तब भाजपा किसानों के हित में कई तरह के प्रलोभन देकर उनके जज्बातों से खेलकर सरकार तो बना लेते हैं, लेकिन सरकार बनते ही किसानों को दिन में ही तारे दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. यही है भाजपा का असली चेहरा है.

यूनियन के जिलाध्यक्ष ने पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि यहां की UPSSCL की बंद चीनी मिल पर प्रर्याप्त जगह है. यदि इस चीनी मिल की जगह पर नई चीनी मिल लगा दी जाए तो ये चीनी मिल बहुत की कम बजट में चालू हो सकती है. जिससे क्षेत्र के किसानों को अपने गन्ने को गोरखपुर, महराजगंज और बिहार में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और किसानों को आर्थिक क्षति से छुटकारा भी मिल जाएगा. जनपद कुशीनगर के कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान कई करोड़ रुपये बकाया है और मिल मालिक भुगतान करने में किसानों को परेशान कर रहा है.

इसे भी पढ़ें : अब UP होगा डिजिटाइज : लागू होगी e-Office व्यवस्था, फाइल लेट होने पर जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय होगी

किसान अपने गन्ने को प्रदेश सरकार के कहने पर चीनी मिल पर दिया है तो प्रदेश सरकार का फर्ज बनता है कि सभी किसानों के गन्ने का भुगतान समय से हो. जिससे किसानों को अपनी घर गृहस्थी चलाने में परेशानी ना हो. यूनियन जिलाध्यक्ष और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी 65, कुशीनगर रामचन्द्र सिंह ने ज्ञापन के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार को चेताया है कि यदि उपरोक्त दोनों मांगों पर एक महीने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो हमारा यूनियन धरना प्रदर्शन करने पर वाध्य होगा. जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.