सुल्तानपुर. पूर्व बीजेपी सांसद मेनका गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी से सांसद राम भुआल निषाद और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है. मेनका गांधी की ओर से सुल्तानपुर से सपा सांसद रामभुआल निषाद के निर्वाचन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
बता दें कि पूर्व बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने याचिका दायर कर कहा था कि रामभुआल निषाद के खिलाफ कुल 12 आपराधिक मामले लंबित हैं. लेकिन चुनावी हलफनामे में 8 मामलों का ही जिक्र किया था. साथ ही यह भी कहा था कि हलफनामे में आपराधिक पृष्ठभूमि के मामलों का खुलासा न करना या इसे छिपाना भ्रष्ट आचरण में शामिल है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हालांकि, हाईकोर्ट ने मेनिका गांधी की याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट ने मेनका गांधी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि था उनकी याचिका सीमा से बाधित थी.
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हाई कोर्ट ने क्यों खारिज की थी याचिका?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 81 के तहत कहा गया है कि किसी भी चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिनों के भीतर ही दायर किया जाना चाहिए.
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