लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए निर्णय लिया है कि प्रशासनिक कार्य अब डॉक्टर नहीं की जगह एमबीए कर चुके युवा देखेंगे. यह फैसला शनिवार को हुई टीम 9 की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया है.

अब सरकारी अस्पतालों के प्रशासनिक कार्यभार डॉक्‍टर नहीं संभालेंगे उन्‍हें सिर्फ चिकित्सा का कार्य ही देखना होगा. प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से डॉक्‍टरों को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया गया है. इस काम के लिए एमबीए कर चुके युवाओं को मौका दिया जाएगा. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के डॉक्‍टरों पर प्रशासनिक एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी होने के नाते बड़ी संख्या में डॉक्‍टर अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे मरीजों का इलाज कर पाने में असमर्थ थे.

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प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्‍टरों की कमी पूरा करने में सहायक होगा. प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से मुक्त किए विशेषज्ञ डॉक्‍टरों की संख्या 450 से अधिक मानी जा रही है. निदेशालय और अन्य सरकारी महकमों में तैनात इन डॉक्‍टरों को प्रशासनिक कार्यभार छोड़कर अब अस्पतालों में मरीजों का इलाज करना होगा. अब एमबीए कर चुके युवाओं को सरकारी अस्पतालों में प्रशासनिक कार्य करने के लिए मौका मिलेगा.

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