शामली. कोरोना का खौफ इतना है कि किसी व्यक्ति की सामान्य मृत्यु हो रही है, तो भी कोई कंधे देने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. लगातार देश भर से इंशानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें आ रही हैं. कोई साइकिल से शव ले जा रहे हैं, तो कोई खाट पर ही लाश को श्मशान घाट पहुंचा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के शामली से ऐसी ही दिल को दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है. एक औरत की मौत होने पर आस-पड़ोस के लोग कंधे देने से इनकार कर दिया. मजबूर होकर उनके भाई ने कूड़ा गाड़ी से शव को श्मशान घाट पहुंचा कर अंतिम संस्कार किया.

कस्बा जलालाबाद के मोहल्ला मोहम्मदीगंज में बीमार चल रही 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई. कोरोना महामारी के डर से महिला के शव को कंधा देने के लिए कोई नहीं आया. बाद में नगर पंचायत के वाहन से शव को शमशान घाट ले जाया गया, जहां पर मृतका के भाई ने अंतिम संस्कार किया. कस्बे के मोहल्ला मोहम्मदीगंज में निजी चिकित्सक प्रभात बंगाली का परिवार रहता है. चिकित्सक की बहन बालामती को कई दिन से बुखार आ रहा था.  रविवार सुबह बालामती की मौत हो गई. चिकित्सक ने  बहन के शव के अंतिम संस्कार के लिए मोहल्लेवालो से कहा, लेकिन कोरोना संक्रमण के डर के कारण कंधा देने के लिए कोई आगे नहीं आया.

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मजबूर होकर चिकित्सक ने नगर पंचायत चेयरमैन अब्दुल गफ्फार व अधिशासी अधिकारी विजय आनंद से गुहार लगाई. अधिशासी अधिकारी ने नगर पंचायत का वाहन भेजा. नगर पंचायत कर्मियों की मदद से चिकित्सक के शव को वाहन में रखकर शमशान घाट ले गए. वहां पर चिकित्सक ने अपनी बहन के शव का अंतिम संस्कार किया. सीएमओ संजय अग्रवाल ने बताया कि जलालाबाद में महिला की मौत होने का मामला उनकी जानकारी में नहीं है.

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