बुलंदशहर. यूपी के सेगा जगतपुर गांव में एक महिला ने अपने पति व ससुराल वालों पर 1 जनवरी की रात आवास पर उसे जान से मारने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. 22 साल की अंजलि सिंह ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने उसके हाथ-पैर बांध दिए और रस्सी से उसका गला दबाने की कोशिश की, लेकिन उसने किसी तरह रस्सी को खोल लिया और पास के जंगल में भाग गई और पूरी रात वहीं छुपकर कर गुजारी.

महिला ने कहा कि वह घरेलू हिंसा और दहेज की मांग दोनों की शिकार थी. उसके पति अमित सिंह और अन्य रिश्तेदारों सहित छह लोगों के खिलाफ उसकी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें हत्या का प्रयास भी शामिल है. हालांकि पुलिस ने अंजलि के विरोध के बावजूद मामले को फैमिली कोर्ट में मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. अंजलि वर्तमान में हापुड़ में अपने मायके में रह रही है और कहती है कि उसे अपने जीवन के लिए डर है क्योंकि उसे बुलंदशहर में पारिवारिक अदालत में जाने की आवश्यकता पड़ेगी.

अगौटा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) अमर सिंह ने हालांकि, समझाया कि जब भी घरेलू हिंसा की शिकायत होती है, तो मामला मध्यस्थता में चला जाता है, चाहे कोई भी प्राथमिकी क्यों न हो. हम मामले के दौरान आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते. अभी भी मामला मध्यस्थता में लंबित है, लेकिन अगर परिवार अदालत द्वारा मध्यस्थता रद्द कर दी जाती है, तो हम प्राथमिकी के प्रावधानों के अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र हैं.

अंजलि के चाचा जगबीर सिंह ने कहा कि वह मध्यस्थता नहीं चाहते. उसे बुलंदशहर आना होगा, जहां उसकी जान को खतरा है. पीड़िता के ससुराल वालों ने सभी आरोपों का खंडन किया है. अंजलि के देवर और मामले के एक आरोपी शिव कुमार ने कहा कि 1 जनवरी को गांव में हमारे घर पर केवल दो महिलाएं थीं, अंजलि और हमारी मां. परिवार के अन्य सभी सदस्य गाजियाबाद में थे, जहां हम रहते हैं और काम करते हैं. हमारा मोबाइल फोन लोकेशन उसी का सबूत है. यह पति और पत्नी के बीच अनसुलझे मुद्दों का परिणाम है. हमने मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे.