शाहजंहापुर. एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर यह जानने के बाद कि उसके नाम से एक निजी बैंक में 2015 में एक फर्जी खाता खोला गया था और इसका इस्तेमाल लगभग 1 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था, फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बैंक अधिकारी उसे बकाया राशि चुकाने के लिए पैसे जमा करने के लिए मजबूर कर रहे थे और उसे बैंक प्रबंधक से कोई मदद नहीं मिल रही थी.
उसकी पत्नी ने खुथर थाने में लिखित शिकायत दी है, लेकिन पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. रामाशीष कुमार के रूप में पहचाने जाने वाला व्यक्ति एक राजमिस्त्री था और शाहजहांपुर जिले के खुथर कस्बे में अपनी पत्नी प्रमिला देवी और बेटी काजल के साथ रहता था. उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि 20 दिसंबर को बैंक से दो लोग उसके घर आए और उसके पति को एक बैंक खाते के बारे में बताया जो उसके नाम पर 2015 से सक्रिय है. उन्होंने कहा कि उनका कई लाख बकाया है. उनके पति ने बैंक के रिकवरी एजेंटों को समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्होंने कभी खाता नहीं खोला है.
प्रमिला देवी ने कहा कि मंगलवार को, रिकवरी एजेंट ने मेरे पति को एक बाजार में अपमानित किया और उन्हें जेल भेजने की धमकी दी. वह चिंतित थे और कह रहे थे कि बकाया राशि लगभग एक करोड़ है. उन्होंने बुधवार को आत्महत्या कर ली, उनकी मौत के लिए बैंक अधिकारी जिम्मेदार हैं. खुथर स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) धनंजय सिंह ने कहा कि हम बैंक मैनेजर और एक अन्य के खिलाफ उनकी पत्नी की शिकायत के आधार पर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं. मामले की जांच की जाएगी और दोषियों को कठघरे में खड़ा किया जाएगा.