लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है. राजधानी लखनऊ में गंभीर कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के लिए दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है. फिर भी उनको अस्पताल में बेड नसीब नहीं हो पा रहा है. इलाज के आभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं. वहीं अगर सरकारी पोर्टल की बात करे तो इसमें सभी अस्पतालों में सैकड़ों बेड खाली दिखा रहे हैं. लेकिन मरीज अस्पतालों में एडमिट होने के लिए जा रहे हैं तो उन्हें भर्ती नहीं लिया जा रहा है. इस प्रकार आंकड़ों का खेल यहां चल रहा है.

प्रशासन का पोर्टल पर तो अस्पताल में खाली बेडों की भरमार है, लेकिन मरीजों के अस्पताल पहुंचने पर उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है. राजधानी में संचालित तमाम कोविड अस्पतालों में प्रशासन बेड खाली होने का दावा करता है, लेकिन हकीकत दावों के बिलकुल उलट नजर आ रही है. गंभीर मरीज भी अस्पतालों से लौटाए जा रहे हैं. प्रशासन के आंकड़ों की बात करें तो केजीएमयू में 54, पीजीआई में 28, लोहिया में 56, बलरामपुर में 75, इंटीगल में 250, लोकबंधु में 21 बेड खाली दिखाए जा रहे हैं. यही नहीं एरा में 125, प्रसाद में 196, कैरियर में 105, विवेकानंद अस्पताल में 17 बेड खाली दर्शाएं गए हैं. लेकिन जब परिजन अपन मरीज को लेकर मौके पर पहुंचते हैं तो उनके मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है.

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बता दें कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 26,780 नए केस की पुष्टि हुई जबकि 28,902 कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो गए. अब तक 11,51,571 प्रदेशवासियों ने कोविड से लड़ाई जीत ली है. वर्तमान में कुल 2,59,844 एक्टिव केस हैं.

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