लखनऊ. निःस्वार्थ सेवा सर्वोपरि होती है. आज जब अपनो को कोरोना की वजह से बहुत से परिवार खो रहे है और जिनके अंतिम समय मे उनको देखना तो क्या उनको कंधा भी नही दे सकते है. ऐसे समय मे उम्मीद संस्था के तीन जाबाज़ आशीष, अंकित और मो. फहीम कोरोना से अपनी जान गवा चुके हैं उन लोगो का अंतिम संस्कार करने में लगे है.
कुछ दिन पहले उम्मीद संस्था इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी द्वारा एवं सदर गुरुदुवारा और लखनऊ गुरुदवारा प्रबंधक समिति के सहयोग से कोविड शव वाहन शुरू किया गया जिसमें केअर एजुकेशन ट्रस्ट और इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी के भी सहयोग प्राप्त हुआ. यह तीनों जाबाज़ अपनी जान और कोरोना की परवाह किए बगैर रात दिन कोरोना की लाशों के अंतिम संस्कार कारने में लगे हुए हैं. जिसमें की कभी कुड़िया घाट, तो कभी वैकुण्ड धाम तो कभी गुलाला घाट में सम्मान से उनका संस्कार कराते हैं.
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लोगों को जानते नहीं है पर उनके अंतिम समय मे उनको कंधा देने से लेकर उनकी अग्नि देने का भी काम यही तीनों कर रहे हैं. उम्मीद संस्था इन तीनो जबाजो को सलाम करती है और आप सभी से भी विनती करती है कि इन निडर साथियो के लिए प्राथना करे जिससे यह सेहतमंद रहे और ऐसे ही निडरता से काम करते रहे.
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