गोरखपुर। पर्यटकों के लिए एक खुशखबरी है. गोरखपुर आने वाले पर्यटकों के लिए शहर के अंदर स्थित रामगढ़ताल अब अनोखा रूप में देखने को मिलेगा. यह विशाल तालाब मुंबई के मरीन ड्राइव जैसा आकर्षण का केंद्र बन गया है. अब यहां घूमने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है. वर्षों तक दुर्दशा का दंश झेल चुका प्रकृति की अनमोल भेंट रामगढ़ताल इन दिनों बहुत ही सुहाना बन गया है. ताल के बगल में बन रहे वाटर स्पोट्र्स कांप्लेक्स के निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है.
रामगढ़ ताल की छटा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. शाम ढलते ही ताल के किनारे जुटने वाली भीड़ इसकी बढ़ रही लोकप्रियता की तस्दीक है. फिलहाल ताल को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के अलावा एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने भी संभाल रखी है. मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन स्थलों को चमकाने की योजना तैयार हो चुकी है. सरकार ने इसके लिए धन भी दे दिया है.
1800 एकड़ में फैला विशाल तालाब
रामगढ़ताल 723 हेक्टेयर यानी 1800 एकड़ में फैला हुआ है. शुरुआती दौर में यह तालाब छह मील लंबा और तीन मील चौड़ा था. तब इसका दायरा 18 वर्ग किलोमीटर था. अतिक्रमण के चलते अब यह सात वर्ग किलोमीटर में सिमट कर रह गया है.
ऐसा बना रामगढ़ ताल
ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गोरखपुर का नाम रामग्राम था. यहां कोलीय गणराज्य स्थापित था. उन दिनों राप्ती नदी आज के रामगढ़ ताल से ही होकर गुजरती थी. बाद में राप्ती नदी की दिशा बदली तो उसके अवशेष से रामगढ़ ताल अस्तित्व में आ गया. रामग्राम से ही ताल को नाम रामगढ़ पड़ा. अब निर्धारित दायरे में आवास, व्यावसायिक कांप्लेक्स बनाने या उद्योग स्थापित करने पर पाबंदी हैं. ताल के आसपास 28 स्थानों पर वेटलैंड है. हर जगह निर्माण का क्षेत्रफल अलग-अलग तय किया गया है.