विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश पर्यटन की ओर से ‘महाकुंभ-2025 प्रील्यूड’ कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को राजधानी नई दिल्ली में हुआ. कार्यक्रम में मुख्य उपस्थिति केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की रही. महाकुंभ- 2025 के लिए आयोजित विशेष कार्यक्रम में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं संस्थानों के प्रतिनिधि, कई देशों के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारियों, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति उप्र. मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया के साथ-साथ केंद्र और प्रदेश के कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति रही.

उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा आयोजित ‘महाकुंभ-2025 प्रील्यूड’ का प्रमुख उद्देश्य संगम नगरी प्रयागराज और वहां के तीर्थ स्थलों की झलक पेश करना रहा. यह विशेष आयोजन आध्यात्मिकता, संस्कृति और परंपराओं की उस महायात्रा का आरंभ है, जो 2025 में विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम के रूप में सामने आएगी. ‘प्रिल्यूड’ का उद्देश्य महाकुंभ- 2025 के आयोजन से पूर्व उसकी महत्ता, मूल्यों और तैयारियों को वैश्विक मंच तक पहुंचाना है.

केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा, ‘महाकुंभ, भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति तथा मानवता का उत्सव है. हम प्रयागराज में आयोजित होने वाले आगामी महाकुंभ-2025 के लिए पूरे विश्व के लोगों को आमंत्रित करते हैं. यह आयोजन वर्तमान के भू-राजनीतिक अशांत समय में वैश्विक एकता और सहयोग की भावना का प्रतीक है. हम महाकुंभ को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक अनूठे अवसर के रूप में देखते हैं. यदि आप भारत घूमना चाहते हैं, तो अवश्य महाकुंभ का हिस्सा बनें. हम सभी यात्रियों के अनुभव को अद्वितीय बनाने के लिए आवास, परिवहन और महाकुंभ मेला क्षेत्र और उसके आसपास के निर्देशित दौरों के लिए हर प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा, ‘भारत, वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया के मूलमंत्र को चरितार्थ करता है. महाकुंभ-2025 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम होने वाला है. 12 वर्ष बाद संगम नगरी प्रयागराज में यह सनातनी योग आया है, जिसका वैज्ञानिक कारण भी है. इस दिव्य, भव्य एवं नव्य महाकुम्भ में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित होने जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में वर्ष 2019 में आयोजित कुंभ का भव्य आयोजन किया था, जिसमें 25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान, ध्यान, भ्रमण किया. इस सफल आयोजन की साक्षी पूरी दुनिया बनी थी. इस बार महाकुंभ मेले में विभिन्न तिथियों पर लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. त्रिवेणी में डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपने जीवन को धन्य और मोक्ष प्राप्त करने का कार्य करेंगे. यह मानव कल्याण का बड़ा संयोग बनेगा.

जयवीर सिंह ने आयोजन में आए हुए अतिथियों को महाकुंभ में आने के लिए आमंत्रित किया और आग्रह किया कि आप अपने-अपने देशों, प्रदेशों और क्षेत्रों से श्रद्धालुओं को महाकुंभ में स्नान के लिए भेजें. हमारा विश्वास है कि सभी आगंतुक न केवल भारत की सांस्कृतिक, दार्शनिक और धार्मिक-आध्यात्मिक स्वरूप का आरक्षण करेंगे, बल्कि भव्य-दिव्य और नव्य आयोजन का अद्भुत आनंद लेंगे. मुझे लगता है ऐसा संगम, जहां अनेकता में एकता के सभी रूप दिखेंगे.

इससे पहले स्वागत संबोधन में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति उप्र.मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा, ‘महाकुंभ के मद्देनजर आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जा रहा है. परेड ग्राउंड के पास एक अत्याधुनिक टेंट सिटी का निर्माण हो रहा है, जिसमें विला, महाराजा टेंट और डीलक्स टेंट जैसी तीन श्रेणियों की आवासीय सुविधाएं होंगी. इसके अतिरिक्त, निजी क्षेत्र भी इस प्रयास में योगदान दे रहा है, जिसमें अरैल में 1,600 स्विस कॉटेज और झूंसी में 200 कॉटेज बनाए जा रहे हैं. श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए स्थानीय गाइड प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं. साथ ही रोमांचक हेलीकॉप्टर राइड्स और वॉटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियां भी पेश की जा रही हैं.

महाकुंभ-2025 प्रील्यूड’ में अतिथियों का भव्य स्वागत हुआ. उसके बाद अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न प्रस्तुतियां हुईं. स्वागत भाषण के बाद सत्र में महाकुंभ-2025 पर आधारित फिल्मों का प्रस्तुतिकरण हुआ. ‘संवाद’ (चर्चा सत्र) में अतिथियों ने अपने विचार रखे. आगंतुकों ने महाकुंभ में लगाई जाने वाली टेंट सिटी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.

‘महाकुंभ-2025 प्रिल्यूड’ कार्यक्रम में सूरीनाम, मलेशिया, सेसेल्स, नेपाल, नीदरलैंड, इरिट्रिया, इराक, इजिप्ट, ग्रीस, मोजाम्बिक, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, ताइवान, गाम्बिया, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और पोलैंड आदि के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारी शामिल हुए. कार्यक्रम में पर्यटन उद्योग से जुड़े उद्यमी, टूर एवं ट्रेवल ऑपरेटर की भी उपस्थिति रही.