लखनऊ. लंबे उठा-पटक और कयासों के बीच आखिरकार तय हो ही गया कि भाजपा के लिए योगी ही उपयोगी हैं. पिछले दो महीने से चल रही उत्तर प्रदेश भाजपा में अंतरकलह के बाद तय हो गया है कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. विधायकों के रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहे हैं. रिपोर्ट कार्ड के बाद प्रत्याशियों पर अंतिम मोहर भी योगी का ही लगेगा. यानि यूपी भाजपा योगी के हवाले.

उत्तर प्रदेश में भाजपा अंतरकलह पर लगभग विराम लग गया है. अब न कोई संगठनात्मक बदलाव होंगे, ना ही कोई मंत्रिमंडल विस्तार. केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में तय हो गया है कि योगी ही अंतिम विकल्प है यूपी भाजपा के लिए. लेकिन बात यही खत्म नहीं होती. इस बीच दो सवाल अभी भी भाजपा राजनीती के परिदृश्य को गहरा कर रही है कि अगर योगी इतना ही उपयोगी हैं तो मोदी-शाह और नड्डा ने योगी को जन्मदिन की बधाई क्यों नहीं दिया?

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उससे भी बड़ा सवाल ये है कि यूपी सरकार और यूपी भाजपा के पोस्टरों से मोदी को हटाया क्यों जा रहा है ? चाहे वो सरकारी नमामि गंगे परियोजना की पोस्टर हो या भाजपा यूपी ट्विटर का कवर फोटो हो, दोनों जगह से गायब कर दिए गएं हैं नरेंद्र मोदी. विपक्ष भी लगातार सवाल उठा रहा है.

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