लखनऊ. गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की सचिव समिति की बैठक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. जिसमें परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया.
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए तत्परता से कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि परियोजना समय से पूरी हो, इसके लिए सभी जरूरी उपाय समय से सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न कार्यों की समय-सारिणी निर्धारित कर तद्नुसार कार्यवाही व प्रगति की नियमित और गहन समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए.
इससे पूर्व गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना का प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी है, जो कि जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारंभ होकर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम तक जाएगा. इस एक्सप्रेसवे से कुल 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज अच्छादित होंगे. इस परियोजना से 519 ग्राम भी आच्छादित होंगे और परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपए है. जनपद मेरठ में पड़ने वाली लम्बाई 15 किमी, हापुड़ में 33, बुलंदशहर में 11, अमरोहा में 26, संभल में 39, बदायूं में 92, शाहजहांपुर में 40, हरदोई में 99, उन्नाव में 105, रायबरेली में 77, प्रतापगढ़ में 41 और जनपद प्रयागराज में पड़ने वाली लम्बाई 16 किमी है.
प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 06 लेन (08 लेन में विस्तारणीय) प्रस्तावित किया गया है. आरओडब्ल्यू की चैड़ाई 120 मी. डिजायन स्पीड 120 किमी/घंटा, जन सुविधा परिसर 09, मुख्य टोल प्लाजा 02 मेरठ एवं प्रयागराज में, रैम्प टोल प्लाजा 15 प्रस्तावित किये गये हैं. गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर एवं रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लम्बाई के दीर्घ सेतु प्रस्तावित है. शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है. इसके अतिरिक्त परियोजना के अंतर्गत 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 929 कलवर्ट्स, 07 आर0ओ0बी0, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 154 एसवीयूपी, 28 फ्लाईओवर्स, 02 ट्रम्पेट, 07 डबल ट्रम्पेट, 08 डायमण्ड इंटरचेन्ज, 09 वे साइड एमेनिटीज तथा 17 नोड डॅवलपमेन्ट प्रस्तावित किए गए हैं. बैठक में यह भी बताया गया कि परियोजनान्तर्गत पीपीपी (टाॅल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित ईओआई में 11 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया है व परियोजना के लिए 12 पैकेज को 04 ग्रुप (01 ग्रुप में 03 पैकेज) विभाजित करते हुए पीपीपी मोड पर आरएफक्यू/आरएफपी आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है. बैठक में आरएफपी डाक्यूमेन्ट में प्रस्तावित संशोधनों पर भी सचिव समिति द्वारा विचार-विमर्श किया गया तथा इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा तत्परता से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए.
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बैठक में अवस्थापना व औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नियोजन सहित सम्बन्धित सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया. बैठक का संचालन व प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा किया गया.
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