प्रयागराज. शिवकुटी स्थित नारायणी आश्रम मोहल्ले में रहने वाले 30 वर्षीय प्रतियोगी छात्र विकास कुमार सिंह ने बेरोजगारी से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि नौकरी न मिलने के कारण मैं यह कदम उठा रहा हूं.

जानकारी के मुताबिक लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा अनिल सिंह का बेटा विकास मूल रूप से अंबेडकर नगर के मानिकपुर, जमूकला महाउबा गोला का रहने वाला था. विकास कई सालों से शिवकुटी के नारायण आश्रम के पास किराये का कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. मंगलवार 13 जुलाई की शाम को चार बजे तक जब उसका दरवाजा नहीं खुला तो आसपास के लोगों ने आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद डायल 112 को सूचना दी गई. संबंधित थाने की पुलिस वहां पहुंची और दरवाजा तोडक़र देखा तो उसकी लाश फांसी के फंदे पर झूल रही थी.

सीओ अजीत सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में स्वेच्छा से जान देने की बात लिखी है, लेकिन यह नहीं स्पष्ट हो सका कि वजह क्या थी. फिलहाल शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच पड़ताल की जा रही है. जबकि अब सोशल मीडिया पर विकास का जो सुसाइड नोट वायरल हो रहा है, उसमें साफ साफ लिखा है कि नौकरी न मिलने के कारण उसने आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठाया है.

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हालांकि बाद में पुलिस ने भी स्पष्टीकरण दिया कि पुलिस को उसके कमरे की छानबीन में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें बेरोजगारी का जिक्र था.’ सुसाइड नोट में विकास ने लिखा था, ‘मैं विकास सिंह पुत्र अनिल सिंह अपने पूरे होशोहवास में फांसी लगाने जा रहा हूं. नौकरी न मिलने के कारण मैं यह कदम उठा रहा हूं. मुझसे अगर कोई भूल हुई हो तो मुझे माफ कर दीजिएगा. आप सभी लोग लवली, शिवानी, मम्मी, पापा आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया मैं. कुछ इतने करीब हैं जिनके बारे में कभी गलत नहीं सोच सकता हूं. हम उनको विश्वास दिलाते हैं कि हम उनको खुद से ज्यादा मानते हैं.

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