लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पांचवे चरण के चुनाव के बाद अब छठवें चरण में योगी सरकार के पांच मंत्रियों की अग्नि परीक्षा होगी. इस चरण में 57 सीटों पर चुनाव होना है. छठवें चरण का मतदान 3 मार्च को कराया जाएगा. छठे चरण के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की कितनी सीटों पर वापसी हो सकती है, किस सीट पर हो सकता है कड़ा मुकाबला, ये अब कुछ ही दिन में तय हो जाएगा.
छठे चरण में जिन 10 जिलों में चुनाव होना है, उनमें गोरखपुर, अंबेडकर नगर, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीरनगर और सिद्धार्थ नगर शामिल हैं. गोरखपुर से इस बार खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी मैदान में हैं. 10 जिलों की 57 सीटों पर कुल 676 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पिछली बार यानी 2017 में इन 57 सीटों में से 46 सीटें भाजपा और दो सीटें उसके सहयोगी दलों अपना दल और सुभासपा ने जीती थीं. तब सुभासपा और भाजपा का गठबंधन था. इस बार सुभासपा और समाजवादी पार्टी (सपा) का गठबंधन है.
छठें चरण में 11 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इस चरण में कुल 2,14,62,816 (दो करोड़ चौदह लाख बासठ हजार आठ सौ सोलह) मतदाता हैं. इसमें 1,14,63,113 पुरुष, 99,98,383 महिला व 1320 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं. छठे चरण की 57 सीटों में से 37 सीटों के चुनाव क्षेत्र अति संवेदनशील घोषित करते हुए रेड अलर्ट पर रखे गए हैं. रेड अलर्ट उन चुनावी हलकों को घोषित किया जाता है. जहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक रिकॉर्ड के साथ चुनावी ताल ठोक रहे हों.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीशचन्द्र द्विवेदी, स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, राज्यमंत्री श्रीराम चौहान और राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जीत के लिये पूरी ताकत झोंक दी है. सबकी निगाहे योगी के मंत्रियों के सीटों पर लगी हुई है. यहीं वजह है कि उत्तर प्रदेश में अब दो चरणों का चुनाव बचे हैं. इसके बावजूद पूर्वांचल में पीएम नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियां कर हैं. 27 फरवरी से 4 मार्च तक पीएम मोदी की रैलियां है. बीजेपी अंतिम समय तक प्रचार में जुटी है.
सिद्धार्थनगर जिले मे इटवा विधानसभा सीट से प्रदेश सरकार मे बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी इस बार फिर मैदान में हैं. यहां पर भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर है. सपा प्रत्याशी माता प्रसाद पाण्डेय पूरी ताकत से मैदान में उतर गए हैं. बांसी विधानसभा सीट से प्रदेश सरकार मे स्वास्थ्य मन्त्री जयप्रताप सिंह मैदान में हैं. इनका सामना सीधे सपा प्रत्याशी मोनू दूबे से है. बांसी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी किरन शुक्ला और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी राधेश्याम पांडेय भी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन कौन जीत रहा है कौन हार रहा है, ये 10 मार्च को मतगणना के बाद पता चलेगा.
गोरखपुर के विधानसभा खजनी से (सुरक्षित) सीट से राज्यमन्त्री श्रीराम चौहान चुनाव लड़ रहे हैं. वह संतकबीरनगर जिले के विधानसभा घनघटा से विधायक हैं. खजनी विधानसभा मे लड़ाई त्रिकोणीय रहेगी, लेकिन विपक्षी श्रीराम चौहान को बाहरी प्रत्याशी बता कर चुनावी अभियान को धार दे रहे हैं. देवरिया की रूद्रपुर विधानसभा से राज्यमन्त्री जय प्रकाश निषाद भाजपा प्रत्याशी हैं. रूद्रपुर विधानसभा में सपा ने रामभुआल निषाद को चुनाव मैदान में और बसपा ने सुरेश तिवारी को मैदान में उतारा है. तिवारी बरहज से भाजपा विधायक हैं. इस बार टिकट न मिलने के कारण बसपा से चुनाव मैदान मे उतर गए हैं.
जिले के पथरदेवा विधानसभा की लड़ाई मे बहुत ही संघर्ष है. यहां कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही चुनाव मैदान में है वहीं सपा ने ब्रहमाशंकर त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है. दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच संघर्ष की लड़ाई है. यूपी चुनाव के छठे चरण में 27 प्रतिशत दागी प्रत्याशी है जबकि 38 फीसदी करोड़पति. इस चरण में 670 में से 182 प्रत्याशियों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. करोड़पतियों उम्मीदवारों की सूची में भी गोरखपुर की चिल्लूपार के भाजपा प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी टॉप पर हैं. वहीं अंबेडकर नगर के जलालपुर से सपा उम्मीदवार राकेश पांडेय ने 63 करोड़ से अधिक की संपत्ति दिखाई है. बलिया की रसड़ा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे उमाशंकर सिंह ने 54 करोड़ की संपत्ति दिखाई है.
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अगर इस चरण के सबसे कम संपत्ति वाले लोगों की बात करें तो महाराजगंज की सिसवा सीट से आम जनता पार्टी के उम्मीदवार दीपक श्रीवास्तव ने अपनी कुल संपत्ति 500 रुपए की दिखाई है. बलिया की बेल्थरारोड (एससी) सीटे से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शिमोन प्रकाश ने अपनी संपत्ति 6 हजार 600 सौ रुपए की दिखाई है. वहीं देवरिया की रुद्रपुर सीट से आम जनता पार्टी के उम्मीदवार नरसिंघ पाल ने अपनी संपत्ति 10 हजार रुपए से अधिक की दिखाई है. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने छठे चरण में चुनाव लड़ने वाले 676 में से 670 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है.
27 फीसदी प्रत्याशियों (182) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 23 प्रतिशत (151) पर मामले गंभीर प्रकृति के हैं. छठे चरण के प्रत्याशियों में से सबसे ज्यादा आपराधिक मामले बसपा के सुधीर सिंह पर दर्ज हैं. वह गोरखपुर के सहजनवा विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. उन पर 27 गंभीर धाराओं में 26 मामले दर्ज हैं. कुशीनगर की खड्डा सीट से सुभासपा के अशोक चौहान आपराधिक मामलों वाले प्रत्याशियों में दूसरे नंबर पर हैं. उन पर 19 मामले दर्ज हैं. तीसरे स्थान पर आजाद समाज पार्टी के गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी चंद्रशेखर हैं. उन पर 16 मामले दर्ज हैं. वहीं 8 उम्मीदवारों पर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले दर्ज हैं. इनमें से 2 उम्मीदवारों पर रेप का भी आरोप है. 8 उम्मीदवारों पर हत्या और 23 पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज हैं. दलवार आंकड़ों की बात करें तो सपा के 48 में से 40, बीजेपी के 52 में से 23, कांग्रेस के 56 में से 22 , बसपा के 57 में से 22 और आप के 51 में से 7 पर आपराधिक मामले घोषित हैं.