लखनऊ. गोरखपुर में गोरक्षपीठ अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में फंस गया है. बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर गोरखनाथ मंदिर की तुलना एक ‘बड़े बंगले’ से की है. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई, जो गोरक्ष पीठ के प्रमुख हैं. योगी आदित्यनाथ ने मायावती को ‘मंदिर का दौरा करने और शांति खोजने’ के लिए आमंत्रित किया है.

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “बहन जी, बाबा गोरखनाथ ने गोरखपुर के गोरक्षपीठ में तपस्या की, जो ऋषियों, संतों और स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियों से अंकित है. यह हिंदू देवी-देवताओं का मंदिर हैं. सामाजिक न्याय का यह केंद्र सबके कल्याण के लिए काम करता रहा है. कभी आइए, आपको शांति मिलेगी.”

योगी आदित्यनाथ के प्रचार भाषण में, जिसमें उन्होंने विपक्षी नेताओं पर एक शानदार जीवन शैली का नेतृत्व करने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा, “शायद पश्चिम यूपी के लोग नहीं जानते कि गोरखपुर मठ जिसमें योगी जी अपना अधिकांश समय बिताते हैं, किसी बड़े मसले से कम नहीं है. उन्हें इस बारे में भी बोलना चाहिए था.” मायावती ने यह भी कहा कि अपनी सरकार की उपलब्धियों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री बसपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का भी उल्लेख कर सकते थे.

उन्होंने कहा, “यह भी अच्छा होता अगर योगी जी मेरी पार्टी द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में बात करते, जिसका गरीबों को घर देने और भूमिहीनों को जमीन देने में उत्कृष्ट रिकॉर्ड रहा है.” बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी सरकार ने कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के सिर्फ दो चरणों के तहत वंचितों को घर दिए थे और कई परिवारों को सर्वजन हिताय गरीब आवास मलिकाना हक योजना के तहत लाभान्वित किया गया था.