अयोध्या. पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष तिवारी पर एक महिला बैंकर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है, जो शनिवार को अयोध्या में अपने किराए के कमरे की छत से लटकी मिली थी. मृतक 32 वर्षीय श्रद्धा गुप्ता पंजाब नेशनल बैंक में डिप्टी ब्रांच मैनेजर थीं.
शनिवार की देर शाम फैजाबाद कोतवाली थाने में मृतक बैंकर के पिता राजकुमार गुप्ता के शिकायत दर्ज कराने के बाद तिवारी के साथ एक पुलिस कांस्टेबल अनिल रावत और बलरामपुर निवासी विवेक गुप्ता पर भी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. पहले आरोपी विवेक गुप्ता की शादी बैंकर से होनी थी, लेकिन पिछले साल अप्रैल में श्रद्धा के उसके चरित्र पर सवाल उठाने के बाद सगाई तोड़ दी गई थी.
तीनों आरोपियों का नाम श्रद्धा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, जिसे पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के कुछ घंटों बाद बरामद किया था. बैंकर ने सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से दावा किया था कि उसकी आत्महत्या के लिए दो पुलिसकर्मी और विवेक गुप्ता जिम्मेदार हैं. पुलिस के अनुसार, श्रद्धा 2015 में पीएनबी में क्लर्क के रूप में शामिल हुईं और 2018 में एक अधिकारी बनने के लिए रैंकों के माध्यम से आगे बढ़ीं. वह फैजाबाद में बैंक शाखा से सटे किराए के मकान में अकेली रहती थी.
शनिवार की सुबह जब दूधवाले ने श्रद्धा का दरवाजा खटखटाया और कोई जवाब नहीं मिला तो उसने मकान मालिक को सूचना दी. बार-बार दस्तक देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलने पर मकान मालिक ने बगल की खिड़की से झांका तो पाया कि वह छत से लटकी हुई है. अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे ने पुष्टि की है कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.
इस बीच, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, “अयोध्या में पीएनबी की महिला कर्मचारी ने अपने सुसाइड नोट में जिस तरह से पुलिस कर्मियों पर सीधे आरोप लगाए हैं, वह उत्तर प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था की एक कड़वी सच्चाई है. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है कि एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है. इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए.”