साल 2006 में बनी सूरज बड़जात्या की फ़िल्म ‘विवाह’ शायद सभी को याद होगी जिसमें दुल्हन बनने वाली अमृता राव अपनी चचेरी बहन को बचाने के चक्कर में शादी के दिन आग से जल जाती हैं और दूल्हा बने शाहिद कपूर उन्हीं से शादी करते हैं. वह रील लाइफ की पिक्चर है जो की काफी हिट भी हुई थी लेकिन यूपी के प्रयागराज में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला.

हमारे देश में ऐसी कई शादियां देखने को मिल जाती हैं, जहां नाराज दूल्हे, नाराज जीजा, या डिमांड पूरी न होने पर नाराज सास-ससुर की वजह से लड़के वाले मंडप छोड़कर चले जाते हैं.  बारातियों की खातिरदारी पसंद के मुताबिक न होने या फिर लड़की या उसके परिवार में कोई कमी होने पर कई लोग ऐन मौके पर शादी तोड़ देते हैं.

लेकिन एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे प्यार पर भरोसा हो जाएगा. प्रतापगढ़ के एक शख्स ने इंसानियत और मोहब्बत की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे लोग बरसों तक याद रखेंगे. शादी के फेरों से महज 8 घंटे पहले एक हादसे में दुल्हन आरती के पूरी तरह अपंग हो जाने के बाद भी दूल्हे अवधेश ने न सिर्फ रिश्ता कबूल किया, बल्कि होने वाली पत्नी को एम्बुलेंस से उसके घर बुलाकर स्ट्रेचर पर लेटी हुई हालत में शादी की सभी रस्में अदा कीं.

सुनने में फिल्मी-सी लग रही यह कहानी 15 साल पहले रिलीज हुई शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म ‘विवाह’ का रियल लाइफ रीमेक है. शादी की रस्मों के बाद दुल्हन ससुराल के बजाय वापस अस्पताल पहुंच गईं, जहां उसे अभी कई दिनों तक और रहना है. यह अनूठी शादी हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है.

ये है शादी की कुछ खास बातें

  • UP प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके की रहने वाली आरती मौर्य की शादी नजदीक के ही गांव के अवधेश से तय हुई थी.
  • 8 दिसंबर को बारात आनी थी,  दोनों ही घरों में शहनाइयां बज रही थीं.
  • परिवार के सदस्य और दूसरे मेहमान तैयार हो रहे थे, तभी दोपहर 1.00 बजे के करीब एक छोटे बच्चे को बचाने के चक्कर में दुल्हन आरती का पैर फिसल गया और वह छत से नीचे गिर गई.
  •  उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट गई, कमर और पैर समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोट आई.
  • पड़ोस के अस्पतालों ने इलाज दौरान हाथ खड़े कर दिए तो घर के लोग उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में ले आए और शादी वाले घर में कोहराम मच गया.
  • डॉक्टरों ने जब यह बताया कि फिलहाल वह अपंग हो गई है और कई महीने तक बिस्तर से नहीं हिल सकती तो सभी के होश उड़ गए.
  •  आरती के घर वाले और दूसरे लोगों को लगा कि लड़के वाले अब शादी तोड़ देंगे, क्योंकि इलाज के बावजूद उसके पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद भी थोड़ी कम थी.
  •   परिवार वालों ने दूल्हे अवधेश और उसके घर वालों को दुल्हन आरती की छोटी बहन से शादी का ऑफर दिया, लेकिन उस वक्त दूल्हे अवधेश ने जो फैसला लिया, उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.
  •   किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि साधारण से परिवार का सामान्य सा नज़र आने वाला अवधेश जो कदम उठाएगा, वह उनकी सोच से परे होगा.
  •  अवधेश ने कहा कि वह इस हालत में भी न सिर्फ आरती को पत्नी के तौर पर अपनाएगा, बल्कि शादी भी उसी दिन तय वक़्त पर करेगा.
  •  इसके बाद वह ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के सहारे इलाज करा रही आरती की मांग भरना चाहता था.
  •  अवधेश की जिद पर डाक्टरों की टीम से अनुमित लेकर आरती को दो घंटे बाद एम्बुलेंस से वापस घर लाया गया, उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर शादी की रस्में अदा की गईं.
  •  ऑक्सीजन और ड्रिप लगी होने की सूरत में ही उसकी मांग भरी गई.
  •  आम दुल्हनों की तरह आरती की भी विदाई हुई, यह अलग बात है कि ससुराल जाने के बजाय वह वापस अस्पताल लाई गई.
  •  अगले दिन होने वाले ऑपरेशन के फॉर्म पर खुद अवधेश ने पति के तौर पर दस्तखत किए.
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