लखनऊ। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक लाख के इनामी गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को सुल्तानपुर में मार गिराया है. लंबे समय से फरारी काट रहे गैंगस्टर के खिलाफ 35 मुकदमें दर्ज थे. इसे भी पढ़ें : पूर्व मंत्री शिव डहरिया के बंगले से कई सामान गायब, स्वास्थ्य मंत्री ने लगाया आरोप, श्याम बिहारी को मिला है यह बंगला
मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम ने गैंगस्टर की घेराबंदी की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लग गई. एसटीएफ उसे अस्पताल ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. एसटीएफ मुख्यालय के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह की अगुवाई वाली टीम ने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया है. एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने लखनऊ में इसकी पुष्टि की है.
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विनोद उपाध्याय को अपराध की दुनिया में एक शार्प शूटर और संगठित गिरोह बनाकर वारदातों को अंजाम देने वाले माफिया के तौर पर जाना जाता था. उसने बसपा ज्वाइन कर चुनावी सियासत में भी दांव आजमाने की कोशिश की थी. 2007 में वह गोरखपुर की एक सीट से विधायक का चुनाव भी लड़ चुका था. एसटीएफ को उसके पास से 30 बोर चाइनीज़ कंपनी मेड पिस्टल, स्टेन गन, 9 एमएम फैक्ट्री मेड, ज़िंदा कारतूस, खोखा कारतूस और एक स्विफ्ट कार मिली है.
विनोद उपाध्याय गोरखपुर, बस्ती, संतकबीरनगर और लखनऊ में हत्या की सनसनीखेज वारदातों में शामिल रहा था. उसके खिलाफ 35 केस दर्ज थे. हालांकि, किसी भी मामले में उसे सजा नहीं मिली थी. विनोद उपाध्याय पर पहले 50 हजार रुपए का इनाम था. बाद में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया था. विनोद उपाध्याय मूलरूप से अयोध्या जिले के मया बाजार स्थित उपाध्याय का पुरवा का रहने वाला था. वह गोरखपुर के टॉप-10 बदमाशों और यूपी के 61 माफियाओं की लिस्ट में शामिल था.
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लम्बे समय से फरार चल रहे माफिया विनोद उपाध्याय पर शिकंजा कसते हुए पिछले साल जून महीने में गोरखपुर में पुलिस ने बुलडोजर से उसका अवैध कब्जा ढहा दिया गया था. इसके साथ ही करीब सात हजार वर्ग फीट की बेशकीमती जमीन मुक्त करा ली थी. गोरखपुर गुलरिहा थाना क्षेत्र के सलेमपुर मोगलहा में माफिया विनोद उपाध्याय ने इस जमीन पर कब्जा कर रखा था. इस पर उसने कुछ निर्माण भी कराया था.
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