Fake Death Certificate News: नीट पेपर लीक को लेकर नेशनल सुर्खियों में बना बिहार (Bihar) अब अंतरराष्ट्रीय खबरों में आया है। बिहार में ठगी (fraud Case in bihar) का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अमेरिका (America) में रह रहे यूपी के युवक ने 83 लाख का बीमा क्लेम (83 lakh Insurance claim) लेने के लिए बिहार से अपनी मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। इसके बाद अमेरिका की बीमा कंपनी नेशनल लाइफ ग्रुप (National Life Group) में 83 लाख का क्लेम कर दिया। हालांकि इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों को उसपर शक हो गया। कंपनी के अधिकारी जब मामले की जांच के लिए पटना पहुंचे तो आरोपी की पोल खुल गई और उसकी हसरत अधूरी रह गई।
दरअसल दरअसल, 25 अप्रैल को पटना जंक्शन के पास पाल होटल (Pal Hotel) में लगी भीषण आग में 8 लोगों की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ी कई वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो देख अमेरिका में बैठे एक इंसान को एक झटके में लाखों रुपए कमाने का ख्याल आया। इसके बाद उसने आपदा में अवसर का लाभ लेने का प्लान बनाया।
यूपी के बरेली स्थित सिविल लाइन के रहने वाले अंकित लाल ने अपनी 55 साल की मां सुमन लाल की इस अगलगी में मौत होने की बात कहकर अमेरिका की बीमा कंपनी नेशनल लाइफ ग्रुप में 83 लाख का क्लेम कर दिया। क्लेम मिलने पर बीमा कंपनी के अधिकारी गिरीश नंदन पटना स्थित कोतवाली थाना पहुंचे। पटना नगर निगम के साथ अग्निशमन कार्यालय में जाकर सुमन लाल की मौत की जानकारी ली, लेकिन, कहीं से भी यह पता नहीं चला कि अंकित लाल की मां सुमन लाल की इस अगलगी में मौत हुई थी। पुलिस रिकॉर्ड में इस घटना में जिन लोगों की मौत हुई थी उनके नाम राहुल कुमार, दिनेश सिंह, चंद्रकला कुमारी, तेज प्रताप, रितेश कुमार, राज लक्ष्मी किस्कू, प्रियंका कुमारी और मिलोनी किस्कू थे। इस तरह आरोपी की पोल खुल गई और डेथ सर्टिफिकेट फर्जी निकला।
डेथ सर्टिफिकेट पर अधिकारी का नहीं था हस्ताक्षर
मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच करने जब इंश्योरेंस अधिकारी पटना नगर निगम पहुंचे तो जिला सांख्यिकी पदाधिकारी संजय सिन्हा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह डेथ सर्टिफिकेट फर्जी है। इस घटना के वक्त रजिस्ट्रार के पद पर गीता थीं, जिनका साइन नहीं है। पंजीकरण संख्या में जिस 90347 कोड का इस्तेमाल किया गया है, वह भी मैच नहीं कर रहा है। इसके बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आपको बता दें कि अंकित मूल रुप से यूपी का रहने वाला है लेकिन कई सालों से अमेरिका में रहता है। उसने मां के मृत्यु प्रमाण पत्र में अमेरिका का ही पता दिया है।
पकड़ा गया तो कबूला सच
अंकित की सच्चाई जब सामने आई तो उससे संपर्क साधा गयाा। शुरूआती बातचीत में वो अनजान बनता रहा। फिर मामले को निपटाने की बात करने लगा। जब कोई चारा नहीं चला तो उसने स्वीकार करते हुए कहा कि हमसे गलती हो गई है। मृत्यु प्रमाणपत्र किसी ने दलाल से बनवाकर दिया था। मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है और कहीं और से बनवाया गया है।
जांच के लिए पटना पहुंचे अधिकारी तो खुल गई पोल
जब इंश्योरेंस कंपनी के पास यह क्लेम गया तो उन्होंने अपने अधिकारी को इसकी जांच के लिए भेजा। जब उनके प्रतिनिधि जांच के लिए पटना पहुंचे और उनके द्वारा पटना के कोतवाली थाने में मृतक की लिस्ट चेक की गई तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया. सुमन लाल नाम की महिला का नाम कहीं दर्ज नहीं था। अमेरिकी इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी गिरीश नंदन ने बताया कि डेथ सर्टिफिकेट में दर्ज नाम पुलिस या फायर ब्रिगेड के दफ्तर में मृतकों की सूची में नहीं था। इसके बाद जब गिरीश नंदन ने इस सर्टिफिकेट की सांख्यिकी विभाग में जांच कराई तो यह पूरी तरह से फर्जी पाया गया।
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