नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सोमवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया है. इस संबंध में उपेंद्र कुशवाहा के प्रेस कांफ्रेंस कर औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है.

मिल रही जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार के साथ एनडीए को महीनों से अलविदा करने की तैयारी कर रहे उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है. शाम तक उनके यूपीए में शामिल होने की घोषणा करने के आसार हैं. कुशवाहा के इस फैसले के बाद से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार बन गई हैं.

गौरतलब है कि बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हुए भाजपा और सहयोगी दलों (राजद,  लोजपा और रालोसपा) के बीच हुए सीट बंटवारे में पर्याप्त तवज्जों नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा बीते कुछ महीनों से न केवल नीतीश कुमार पर बल्कि भाजपा की नीतियों को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे थे. कुशवाहा की भाव-भंगिमा देख भाजपा और अन्य सहयोगी दलों ने भी उनको तवज्जों देना छोड़ दिया था.ऐसे में कुशवाहा के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का आसार नजर आने लगे थे, जो अब जाकर हकीकत में तब्दील हुआ है.

कौन हैं उपेंद्र कुशवाहा

बिहार के काराकट संसदीय सीट से सांसद उपेंद्र कुशवाहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को इस्तीफा देने से पहले तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री के तौर पर पदस्थ थे. बिहार के कुशवाहा समाज के बीच अपनी पैठ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा का जन्म 6 फरवरी 1960 में हुआ था. इन्होंने अपना राजनीतिक सफर 1985 में युवा लोक दल के राज्य महासचिव के रूप में की थी. इसके बाद समता पार्टी के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक रह चुके हैं.