दिल्ली. दुनियाभर में पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन या डिजिटल पेमेंट में कई गुना तक इजाफा हुआ है. आज के समय में हर दूसरा इंसान डिजिटल पेमेंट (UPI) का इस्तेमाल कर रहा है. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने स्मार्टफोन के जरिए डिजिटल पेमेंट ना किया हो. लेकिन देखने और इस्तेमाल करने में ये जितना आसान है, कभी-कभी उतना ही खतरनाक साबित होता है. UPI पेमेंट के कई फायदें हैं, तो उसके नुकसान भी हैं. लेकिन आपको डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बात आपके जमापूंजी से जुड़ी है.
हम आए दिन ये सुनते रहते हैं कि ऑनलाइन लेनदेन के बढ़ने से साइबर धोखाधड़ी भी बढ़ गई है. मोहल्ले की किराना दुकान हो, सब्जी का ठेला हो या फिर बड़ा शॉपिंग मॉल, आजकल हर जगह ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा मौजूद है. बस कोड स्कैन करिए और फटाफट पेमेंट करिए, लेकिन अगर आप कोई भी डिजिटल पेमेंट ऐप (चाहे गूगल पे हो या फोन पे या फिर पेटीएम) यूज कर रहे हैं, तो आपके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण हो जाता है. नहीं तो ये डिजिटल पेमेंट आपको कंगाल करने में देरी नहीं करेगा.
कभी किसी से शेयर न करें अपना UPI एड्रेस
कई लोग ये गलती कर बैठते हैं और बाद में पछताते हैं. कृपया आप ये गलती ना करें. क्योंकि अपने UPI अकाउंट/एड्रेस को सुरक्षित रखना सबसे महत्वपूर्ण है. आपको कभी भी अपना यूपीआई आईडी/एड्रेस किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए. आपका यूपीआई एड्रेस आपके फोन नंबर, क्यूआर कोड या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) के बीच कुछ भी हो सकता है. आपको किसी भी भुगतान या बैंक एप्लिकेशन के माध्यम से किसी को भी अपने यूपीआई अकाउंट तक पहुंचने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
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एक मजबूत स्क्रीन लॉक सेट करें
दूसरी गलती जो अक्सर लोग करते हैं वो है, बेहद सिंपल स्क्रीन लॉक या पासवर्ड/पिन सेट करना. आप ऐसी गलती ना करें और तगड़ा पासवर्ड सेट करें. आपको सभी भुगतान या वित्तीय लेनदेन ऐप के लिए एक मजबूत स्क्रीन लॉक सेट करना होगा. यदि आप Google Pay, PhonePe, Paytm, या किसी अन्य प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, तो एक मजबूत पिन सेट करना महत्वपूर्ण है, जो आपकी जन्म तिथि या वर्ष, मोबाइल नंबर के अंक या कोई अन्य नहीं होना चाहिए. आपको अपना पिन किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए और यदि आपको संदेह है कि आपका पिन उजागर हो गया है, तो इसे तुरंत बदल दें.
अनवेरिफाइड लिंक पर क्लिक न करें या फेक कॉल भी अटैंड न करें
तीसरी गलती है बिना सोचे समझे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक कर देना. ऐसा बिल्कुल ना करें. यूपीआई स्कैम एक आम तकनीक है जिसका इस्तेमाल हैकर यूजर्स को फंसाने के लिए करते हैं. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हैकर्स आमतौर पर लिंक शेयर करते हैं या कॉल करते हैं और उपयोगकर्ताओं को वेरिफिकेशन के लिए एक थर्ड-पार्टी ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. आपको कभी भी ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए और न ही पिन या किसी अन्य जानकारी को किसी के साथ शेयर करना चाहिए. बैंक कभी भी पिन, ओटीपी या कोई अन्य पर्सनल डिटेल नहीं मांगते हैं, इसलिए, मैसेज या कॉल पर ऐसी जानकारी मांगने वाला कोई भी व्यक्ति आपकी डिटेल और पैसा चुराना चाहता है. ऐसे मामलों में आपको सतर्क रहना चाहिए.
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एक से अधिक ऐप का उपयोग करने से बचें
चौथी गलती है अपने फोन में ढेर सारी पेमेंट ऐप रखना. ऐसा ना करें और किसी विश्वसनीय ऐप का ही इस्तेमाल करें. एक से अधिक UPI या ऑनलाइन भुगतान ऐप का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है. कई डिजिटल भुगतान ऐप हैं जो यूपीआई लेनदेन की अनुमति देते हैं, इसलिए, आपको यह देखना होगा कि कौन सा ऐप कैशबैक और पुरस्कार जैसे बेहतर लाभ प्रदान करता है, और उसी के अनुसार अपनी पसंद बनाएं.
UPI ऐप को नियमित रूप से अपडेट करें
पांचवी गलती जो लोग अक्सर करते हैं वो ये कि जो भी ऐप वे इस्तेमाल करते हैं उसे अपडेट नहीं रखते. आपको ये सलाह दी जाती है कि जो भी ऐप यूज करें उसे अपडेट करते रहें. UPI पेमेंट ऐप समेत प्रत्येक ऐप को लेटेस्ट वर्जन में अपग्रेड किया जाना चाहिए क्योंकि नए अपडेट बेहतर UI और नई सुविधाएं और लाभ लाते हैं. अपडेट अक्सर बग फिक्स भी लाते हैं. ऐप्स को लेटेस्ट वर्जन में अपग्रेड करने से आपका अकाउंट भी सेफ रहता है और सुरक्षा उल्लंघनों की संभावना कम होती है.
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