सुप्रिया पांडेय, रायपुर। स्थानीय और बाहरी के सियासी विवाद के बीच राज्यसभा में नियुक्ति को लेकर सांसद छाया वर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्थानीय लोगों को मौका मिले, स्थानीय कुलपति की मांग भी जायज थी. राज्यसभा की सीट पर भी स्थानीय लोगों को मौका मिलना चाहिए, हमारी पूरी पार्टी खुद मुख्यमंत्री सहित सभी लोग मांग कर रहे हैं कि स्थानीय लोगों को ही मौका मिलना चाहिए.

वहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी को लेकर दिए बयान पर राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि भाजपा को ये अधिकार नहीं कि वे केटीएस तुलसी को इस्तीफा देने की बात कहे, उनका कोई हक नहीं. ये शीर्ष नेतृत्व तय करती है. क्या केटीएस तुलसी भारत देश के नागरिक नहीं है?

छाया वर्मा ने कहा कि राज्यसभा एक ऐसा सदन है, जहां कोई भी कहीं से भी नियुक्त होकर आता है. ये लोग भूल गए जब इनकी सरकार थी, तो बाहर के लोग नियुक्त होते थे. भाजपा को उल्टी-सीधी बयानबाजी से बचना चाहिए, क्योंकि 15 साल इनकी सरकार थी और आज जनादेश मिला है जनता बताती है कि आपकी औकात क्या है.

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हम नहीं मानते सावरकर को आदर्श पुरुष

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीर सावरकर को लेकर किए गए ट्वीट पर सांसद छाया वर्मा ने कहा कि यह भाजपा लिए प्रेरणा स्रोत हो सकते हैं, हमारे लिए कोई प्रेरणा स्रोत या महान पुरुष नहीं है. उन्होंने यातनाऐं झेली हैं, पर अंग्रेजों से मिलकर माफी भी मांगी है. आगे की राजनीति में उन्होंने क्या किया उसे भाजपा को समझना चाहिए, हम बिल्कुल भी नहीं मानते कि सावरकर एक आदर्श पुरुष हो सकते हैं.