बांग्लादेश को उसके यहां ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ समूह के सक्रिय होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। देश की सुरक्षा और उसके हितों को सर्वोपरि बताते हुए सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस गुट की ओर से बनाए गए ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के नक्शे में भारत के कुछ हिस्सों को शामिल गया गया था। विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि यह नक्शा ढाका विश्वविद्यालय में प्रदर्शित किया गया था। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विदेश मंत्री से ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के दुष्प्रचार से निपटने को लेकर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था।

31 जुलाई को बांग्लादेश में एक हिंदू संगठन ने विवादित नक्शे की तस्वीर पोस्ट कर बांग्लादेश सरकार पर सवाल उठाए थे।

जयशंकर ने बताया कि सरकार का ध्यान इन खबरों पर गया है कि ढाका में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ नामक एक इस्लामी समूह ने तथाकथित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक नक्शा जारी किया है, जिसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस इस्लामी समूह को तुर्किए के ‘तुर्की यूथ फेडरेशन’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन का समर्थन प्राप्त है। विदेश मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश सरकार के फैक्ट चेक प्लेटफार्म ‘बांग्लाफैक्ट’ ने दावा किया कि बांग्लादेश में सल्तनत-ए-बांग्ला के सक्रिय होने का कोई सबूत नहीं है।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, बांग्लादेश के विवादित मैप का मुद्दा संसद में भी उठा था। भारत के 7 राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश के मैप में दिखाया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल उठाया।

सुरजेवाला ने कहा- सरकार इस मुद्दे पर क्या कर रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखित जवाब में कहा- हम इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है। सरकार इस तरह के प्रोपेगेंडा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, विवादित नक्शा 14 अप्रैल, 2025 को ढाका यूनिवर्सिटी में आयोजित एक प्रदर्शनी में लगाया गया था। आरोप है कि ढाका में मौजूद इस्लामिक ग्रुप ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ की तरफ से ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा तैयार किया गया है।

‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ को ‘तुर्की यूथ फेडरेशन’ नाम एक तुर्की NGO का सपोर्ट है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के आने के बाद तुर्की-बांग्लादेश संबंध मजबूत हुए हैं। तुर्की के NGO की एक्टीविटीज और मिलिट्री कोऑपरेशन में भी इजाफा हुआ है।

सुरजेवाला ने राज्यसभा में मुद्दा उठाया, 2 सवाल

  • विवादित मैप को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से बांग्लादेश में तुर्की समर्थित एक कट्टरपंथी समूह के बारे में जानकारी मांगी थी। मैप में भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को शामिल करते हुए ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ नक्शे को बढ़ावा दिया गया है।
  • कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक रूप से उठाया है और क्या सरकार ने बांग्लादेश में तुर्की और पाकिस्तान की बढ़ती भागीदारी के सुरक्षा निहितार्थों का आकलन किया है।

विदेशी राजनीतिक संस्था से संबंध होने से इनकार

रिपोर्ट के मुताबिक, यह विवादित नक्शा पूर्ववर्ती बंगाल सल्तनत के संदर्भ में आयोजित एक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था। यह प्रदर्शनी 14 अप्रैल, 2025 को पोइला बैसाख के अवसर पर ढाका विश्वविद्यालय में लगाई गई थी। इसके आयोजकों ने किसी भी विदेशी राजनीतिक संस्था से संबंध होने से इनकार किया। जयशंकर ने बताया कि सरकार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखती है और इसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।

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