अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में नामांकन निरस्त होने को लेकर निर्दलीय पार्षदों ने सत्ताधारी भाजपा और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है. निर्दलीय पार्षदों ने भाजपा पर सत्ता बल का गलत इस्तेमाल करते हुए उनका नामांकन रद्द करवाया है. इतना ही नहीं, उनका आरोप है कि नामांकन फार्म में गलतियों को सुधारने की समय सीमा खतम होने के बाद भी दो भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन से त्रुटियों को सुधारा गया है.
जानकारी के मुताबिक, भाजपा से वार्ड पार्षद का टिकट नहीं मिलने से नाराज घनश्याम भारती ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था, जो समीक्षा स्कुटनी के बाद रिटर्निंग आफिसर ने प्रस्तावक के हस्ताक्षर नहीं होने की बात कहते हुए निरस्त कर दिया है. जबकि जब नामांकन दाखिल किया गया, तो रिटर्निंग आफिसर ने आवेदन को देखा व जांच किया था और उसके बाद पावती दी गयी थी.
उन्होंने यह भी कहा कि 2 अन्य लोगों के नामांकन फार्म में त्रुटि को समय समाप्त होने के बाद भी नाम निर्देशन के दौरान सुधरवाया गया. लेकिन हमें मौका नहीं दिया गया. यह पूर्णतः गलत है. हमें तो यही लग रहा है कि यह भाजपा के कहने पर किया जा रहा है. यदि हम खड़े होते हैं, तो निश्चित भाजपा की हार होती. अब हम कोर्ट जायेंगे और न्याय मांगेंगे.
वहीं एक अन्य प्रत्याशी पवन नायक ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा व प्रशासन मिली हुई है. उसके साथ भी ऐसा ही हुआ है, भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था और उसे समर्थन भी मिला था. इससे भाजपा के वरिष्ठ नेता घबरा गए थे और प्रशासन का आड़ लेकर उसके फार्म को निरस्त करवा दिया गया. हमारे साथ प्रशासन ने गलत किया है हमें चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए.
इस मामले को लेकर रिटर्निंग आफिसर दीप्ति गौते ने बताया कि 28 जनवरी को तीन बजे नामांकन दाखिल किया गया था. जिसके बाद नामांकन फार्म की जांच की गई. समीक्षा बैठक के बाद नामांकन फार्म में कमी पाई गई. इस वजह से नामांकन निरस्त किया गया है. अभी नगरपालिका अध्यक्ष के लिए 6 उम्मीदवार व वार्ड पार्षद के लिए 66 लोगों ने नामांकन दाखिल किया है. जिनकी स्कुटनी की जा चुकी है. नाम वापसी का समय होने के उपरांत जितने भी उम्मीदवार होगें वे चुनाव लड़ सकेंगे.
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