अमेरिका ने पाकिस्तान की मुराद पूरी करते हुए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके सहियोगी ‘द मजीद ब्रिगेड’ को आधिकारिक तौर पर विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार देर रात इसकी जानकारी दी। मार्को रुबियो ने बयान में लिखा, BLA ने 2024 में कराची एयरपोर्ट के पास और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी।

इसके अलावा मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करने की भी जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि BLA पर कार्रवाई इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 219 और एग्जीक्यूटिव ऑर्डर 13224 के तहत की गई है।

अमेरिका के दौरे पर पाकिस्तानी आर्मी चीफ

अमेरिका की ओर से यह ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर अमेरिका दौरे पर हैं। यह निर्णय सीधे तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की उस अपील का परिणाम माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने बलूच विद्रोहियों के विरुद्ध वैश्विक स्तर पर कड़ा एक्शन लेने की मांग की थी. मुनीर की यह डेढ़ महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा है।

बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ता है BLA

बता दें कि, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) एक संगठन है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है। इसकी स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई और इसे पहले भी ब्रिटेन समेत कई देशों द्वारा आतंकी संगठन घोषित किया गया है। BLA का दावा है कि बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण हो रहा है और बलूच लोगों के अधिकार छीन लिए गए हैं। यह संगठन पाकिस्तानी सेना, सरकार और चीनी प्रोजेक्ट्स जैसे CPEC को निशाना बनाता रहा है। BLA अपनी गोरिल्ला शैली के लिए जाना जाता है। यानी पहाड़ी इलाकों में छिपकर सेना पर हमला करना और तुरंत लौट जाना।

14 मई को बलूच नेता ने PAK से आजादी का ऐलान किया था

बलूच नेता मीर यार बलूच ने 14 मई 2025 को पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान किया था। उन्होंने इसके पीछे दशकों से बलूच लोगों के मानवाधिकार हनन, किडनैपिंग और हिंसा का हवाला दिया। मीर यार बलूच ने X पोस्ट में कहा था, ‘बलूचिस्तान के लोगों ने अपना राष्ट्रीय फैसला दे दिया है और दुनिया को अब चुप नहीं रहना चाहिए। आओ हमारा साथ दो।’

FTO लिस्ट में डालने के 2 बड़े मायने

संगठन अमेरिका के लिए खतरा: FTO लिस्ट अमेरिका का एक कानूनी टूल है, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग तैयार करता है। इस लिस्ट में उन आतंकी संगठनों को डाला जाता है जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या नागरिकों के लिए खतरा माने जाते हैं।

मदद करने पर कानूनी कार्रवाई: लिस्ट में शामिल व्यक्ति या संस्था को अगर कोई पैसे, हथियार या अन्य मदद देता है, तो यह गैरकानूनी माना जाता है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है।

TRF को भी अमेरिका ने FTO लिस्ट में डाला था

अमेरिका ने TRF को FTO लिस्ट में डाला था इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की लिस्ट में डाल दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 18 जुलाई को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी थी।

मार्को रुबियो ने बयान में लिखा था, ‘लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक मुखौटा और प्रॉक्सी, TRF ने 22 अप्रैल, 2025 को भारत के पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 में मुंबई हमलों के बाद लश्कर का भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था।’

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