US Finance Minister Scott Bessent On SCO: 50% टैरिफ और रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए लगातार दबाव देने के कारण भारत-अमेरिका के रिश्ते इस वक्त सबसे नाजुक दौर से गुजर रही है। दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई है। बावजूद इसके खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चेहेते मंत्री भारत के खिलाफ बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। भारत के खिलाफ अनर्गल बयान देने वालों की लिस्ट में अब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट का भी नाम जुड़ गया है। स्कॉट बेसेन्ट ने भारत, रूस और चीन के गठजोड़ (SCO) पर पर तीखा हमला बोला है। स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि एससीओ सिर्फ दिखावा है। भारत-रूस और चीन सिर्फ मतलबी देश है।

एक इंटरव्यू में स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि भारत रूसी तेल खरीदकर और उसे रिफाइंड उत्पादों के रूप में बेचकर रूस-यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। हालांकि उन्होंने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत की नींव मजबूत है । इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों लोकतंत्र अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा किदो महान देश मिलकर इस समस्या का समाधान निकालेंगे।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने SCO पर कहा कि भारत, रूस और चीन के नए गठजोड़ के पीछे उनके अपने हित छिपे हैं, क्योंकि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में हर साल ऐसा ही होता है। ये सभी बुरे लोग हैं। भारत-रूसी युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। बेसेन्ट ने भारत के पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हाल ही में हुई मुलाकात को लेकर चिंताओं को खारिज कर दिया और कहा कि ये शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का एक नियमित आयोजन है, जो सिर्फ दिखावा है।

‘रूसी युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं भारत-चीन’

वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। इसके मूल्य रूस की तुलना में हमारे और चीन के ज्यादा करीब हैं। हालांकि, उन्होंने भारत और चीन दोनों को बुरा करार देते हुए कहा कि देखिए, ये बुरे लोग हैं।भारत और चीन रूसी युद्ध तंत्र को बढ़ावा दे रहा हैं। मुझे लगता है कि एक वक्त ऐसा आएगा जब हम और हमारे सहयोगी देश आगे आएंगे। इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।

‘भारत-US निकाल लेंगे हल’

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत की नींव मजबूत है। इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों लोकतंत्र अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, ‘दो महान देश मिलकर इस समस्या का समाधान निकालेंगे।

बेसेन्ट ने भारत के रूसी तेल आयात को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत-रूसी तेल खरीदकर और फिर उसे रिफाइंड उत्पादों के रूप में बेचकर रूस-यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहा है। ये स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने भारत के साथ व्यापार वार्ता में धीमी प्रगति को भी अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़ाने का एक प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा कि सभी चीजों का हल बातचीत से होगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन पर बढ़ते हमले के कारण रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।

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