Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए 92 देशों पर देशों पर आज से नए टैरिफ लगा दिए हैं। ट्रंप ने 1 अगस्त से 10% से लेकर 41% तक के नए रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लगाने का आदेश जारी किया है। सूची में भारत का नाम भी शामिल है। हालांकि भारत-यूएस ट्रेड बातचीत के कारण भारत पर 7 दिन के लिए टैरिफ को टाल दिया है। सीरिया पर सबसे ज्यादा 41% टैरिफ लगाया है। वहीं लाओस और म्यांमार (बर्मा) 40% टैरिफ का बोझ डाला है। सबसे कम 10% टैरिफ ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम (UK), फॉकलैंड द्वीपसमूह पर लगाया है। वहीं पाकिस्तान पर 19% और कनाडा पर 35% Reciprocal Tariff लगाया है।
ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि यह कदम वर्षों से चले आ रहे व्यापार असंतुलन को दूर करने और अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लिया गया है। यह नया टैरिफ आदेश ट्रंप द्वारा पहले जारी किए गए Executive Order- 14257 पर आधारित है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका का लगातार व्यापार घाटा उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
इससे पहले, ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन 7 दिन बाद ही इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया था। कुछ दिनों बाद ट्रम्प ने 31 जुलाई तक का समय दिया था। इसके बाद ट्रम्प सरकार ने 90 दिनों में 90 सौदे कराने का टारगेट रखा। हालांकि अब तक सिर्फ 7 देशों से समझौता हो सका है। आदेश लागू होने से पहले जो सामान अमेरिका के रास्ते में होगा, उसे पुराने नियमों पर ही टैक्स देना होगा। 5 अक्टूबर 2025 इसके लिए आखिरी तारीख है।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक फैक्टशीट के मुताबिक ये आदेश केवल शुल्क दरों में बदलाव ही नहीं करेगा, बल्कि इन टैरिफ्स के लागू होने की तारीख भी तय करता है। ट्रंप ने शुरुआत में टैरिफ के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की थी, ताकि तब तक सभी देशों से व्यापार समझौते पूरे हो जाएं, लेकिन अब जिन 70 से अधिक देशों पर टैरिफ लागू होगा, उनके लिए ये टैरिफ आदेश जारी होने के 7 दिन बाद से प्रभाव में आ जाएंगे। अगर कोई सामान 7 अगस्त तक जहाज पर लोड हो चुका है और वह 5 अक्टूबर तक अमेरिका पहुंच जाता है, तो उस पर नया टैरिफ लागू नहीं होगा — बशर्ते वह पहले से ट्रांजिट (यात्रा में) में हो।
कनाडा के लिए अलग नियम
कनाडा पर भी अब 35% का टैरिफ लगाया गया है, जो पहले 25% था। अमेरिका का आरोप है कि कनाडा अवैध नशीली दवाओं के संकट को रोकने में असफल रहा है और अमेरिका की नीतियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर रहा है। कनाडा पर लगाया गया 35% का नया टैरिफ बाकी देशों से अलग तरीके से लागू होगा। ये शुल्क 1 अगस्त से ही, यानी आदेश जारी होने के कुछ ही घंटों बाद प्रभाव में आ जाएगा।
चीन के साथ फाइनल नहीं हुई ट्रेड डील
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं तो हैं, लेकिन यह समझौता अभी पूरी तरह से अंतिम रूप नहीं ले सका है और इसे राष्ट्रपति ट्रंप की मंजूरी मिलना बाकी है। स्टॉकहोम में इस हफ्ते हुई 2 दिन की व्यापार वार्ता के दौरान अमेरिकी वार्ताकारों ने चीनी अधिकारियों के साथ कई मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया है। इसकी जानकारी बेसेंट ने CNBC को दिए इंटरव्यू में दी.चीन को इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 12 अगस्त तक का समय दिया गया है। ये डेडलाइन मई और जून में हुए प्रारंभिक समझौतों के बाद तय की गई थी।
किस देश पर कितना टैरिफ?
- 41% टैरिफ – सीरिया
- 40% टैरिफ – लाओस, म्यांमार (बर्मा)
- 39% टैरिफ – स्विट्जरलैंड
- 35% टैरिफ – इराक, सर्बिया
- 30% टैरिफ – अल्जीरिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, लीबिया, दक्षिण अफ्रीका
- 25% टैरिफ – भारत, ब्रुनेई, कजाकिस्तान, मोल्डोवा, ट्यूनिशिया
- 20% टैरिफ – बांग्लादेश, श्रीलंका, ताइवान, वियतनाम
- 19% टैरिफ – पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, फिलीपींस, थाईलैंड
- 18% टैरिफ – निकारागुआ
- 15% टैरिफ – इज़रायल, जापान, तुर्की, नाइजीरिया, घाना और कई अन्य देश
- 10% टैरिफ – ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम (UK), फॉकलैंड द्वीपसमूह
दो दिन पहले भारत पर लगाया था 25% टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माना
बता दें कि 30 जुलाई की देर शाम डोनाल्ड ट्रंप ने एकतरफा फैसला लेते हुए भारत से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माना लगाने का ऐलान किया था। साथ ही ट्रंप ने ब्रिक्स (BRICS) संगठन को लेकर भी भारत पर निशाना साधा था।उन्होंने कहा कि यह संगठन अमेरिका विरोधी है और डॉलर की ताकत को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स एक ऐसा समूह है जो अमेरिका के खिलाफ खड़ा है और भारत उसका हिस्सा है। यह डॉलर पर सीधा हमला है और हम ऐसा नहीं होने देंगे।

6 भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों पर लगाया बैन
टैरिफ का बोझ डालने के बाद ट्रंप ने एक और भारत को झटका देते हुए 6 पेट्रोलियम कंपनियों पर बैन लगा दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि ये कंपनियां ईरान के साथ व्यापार कर रही थीं। इनमें एलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां भी शामिल है।

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