शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर समेत कई जिलों में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ वकीलों ने मोर्चा खोल दिया है. शहर मस्जिदों में अवैधानिक रूप से बगैर किसी विधिक अनुमति के लाउडस्पीकर से की जा रही अजान से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर वकीलों ने आपत्ति जताई है. वकीलों ने इस संबंध में एक ज्ञापन संभागायुक्त को सौंपा है. इसमें लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है.

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अब इस पर कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है अधिवक्ता न्याय दिलवाने के लिए होते है, उन्हें एक पक्ष के लिए ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहिए. अज़ान से किसी को समस्या नहीं है. कुछ चंद लोग देश का माहौल खराब कर रहे हैं. मप्र में मुस्लिम वर्ग को टारगेट किया जा रहा है. एक राजनैतिक पार्टी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस तरह के मुद्दे को जन्म देती है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने परीक्षण करवाने की बात कही है.

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एडवोकेट मनीष गडकर ने बताया कि वकीलों के एक समूह द्वारा कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए संभागायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन पर 300 से ज्यादा वकीलों ने हस्ताक्षर किए हैं. ज्ञापन में कहा है कि शहर की विभिन्न मस्जिदों में अवैधानिक और गैरकानूनी तरीके से बिना अनुमति प्राप्त किए लाउडस्पीकर के माध्यम से दी जा रही अजान और की जा रही विभिन्न घोषणाओं से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. इससे जनमानस पर विपरित मानसिक एवं शारीरिक प्रभाव पड़ रहा है.

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वकीलों ने मांग की है कि लाउडस्पीकरों के उपयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए. लाउड स्पीकर से अजान देने की वजह से न्यायालय में भी व्यवधान होता है. एडवोकेट गडकर ने बताया कि हमने ज्ञापन में यह भी कहा है कि कोरोनाकाल में कई घरों में बीमार लोग हैं. बच्चों की आनलाइन पढ़ाई भी चल रही है. इसके अलावा वर्क फ्राम होम के तहत लोग घरों में रहकर काम कर रहे हैं. लाउडस्पीकर पर दी जाने वाली अजान की वजह से बीमारों को परेशानी हो रही है. इसके अलावा बच्चों की पढाई भी प्रभावित हो रही है. ज्ञापन के बावजूद अगर रोक नहीं लगाई गई तो वकील इस मामले में जनहित याचिका दायर करेंगे.

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