लखनऊ. 2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले उत्तर प्रदेश भाजपा में कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. बीजेपी ने चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. बीते दिनों काफी विचार विमर्श के बाद यूपी भाजपा के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई. पार्टी ने दलित, ब्राह्मण, ओबीसी, यादव और मुस्लिम वोटों को ध्यान में रखकर जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की. अब यूपी बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर मंथन तेज हो गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार पार्टी दलित नेता पर दांव खेल सकती है.

अब तक यूपी बीजेपी को कोई दलित प्रदेश अध्यक्ष नहीं मिला है. लेकिन अब भाजपा विपक्ष के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले का जवाब देने की तैयारी में है. संगठन में नए चेहरे को लेकर लगातार मंथन किया जा रहा है. 2024 लोकसभा और 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जा सकता है. नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर जल्द मुहर लग सकती है.

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केशव मौर्य स्वतंत्र देव संभाल चुके हैं जिम्मेदारी

बता दें कि भाजपा ने साल 2017 का विधानसभा चुनाव केशव मौर्य के नेतृत्व में लड़ा था और 312 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं 2022 में पार्टी ने स्वतंत्र देव पर भरोसा जताया और उनके नेतृत्व में भाजपा ने 255 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा उसे ही प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी जिसका जनाधार तगड़ा हो और सीएम योगी से वो बेहतर तालमेल बैठा सके.

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