नीलम राज शर्मा, पन्ना। उत्तराखंड में हुए बस हादसे से पन्ना जिले के 26 लोगों की मौत हुई है। वहीं सभी को यात्रा पर ले जाने वाले ट्रेवल एजेंट श्यामसुंदर खरे भी नहीं रहे। हादसे से तीन दिन पहले वाराणसी में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था।

पन्ना जिले के गुनोर ग्राम के श्याम सुंदर खरे इस पूरी तीर्थ यात्रा के सूत्रधार थे। वह पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के लोगों को तीर्थयात्रा पर ले जाने का काम कर रहे हैं। श्याम सुंदर खरे के साथी सिमरिया निवासी अवस्थी ने कार्यक्रम की पूरी रूप रेखा बनाई थी। पंपलेट बनवाए और क्षेत्र भर में बंटवाया। इस चार धाम यात्रा की दर (किराया) 15000 रुपए निर्धारित की गई थी।

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यात्रा की शुरुआत में सिमरिया के जागेश्वर प्रसाद गर्ग एजेंट श्याम सुंदर खरे से मिले और यहीं से तीर्थ यात्रियों के जुड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। सबसे पहले जागेश्वर प्रसाद गर्ग के जाने की बात सुनकर उनके पवई निवासी साले अवधेश पांडे अपनी पत्नी के साथ जाने के लिए राजी हुए। इसी प्रकार रिश्त दारों और मित्रों का क्रम जुड़ता गया और आस पास के गांव समेत 60 लोग इकट्ठे हो गए।

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ट्रेवल एजेंट खरे और अवस्थी ने गांव-गांव जाकर दो दिन तक लोगों को एकत्रित किए, फिर यात्रा शुरू हुई। यात्रा का आरंभ मैहर से हुआ। इसके बाद अयोध्या काशी फिर चार धाम जाने का कार्यक्रम था। लेकिन यात्रा के आरंभ में ही एजेंट श्याम सुंदर खरे काशी में बीमार पड़ गए और बस हादसे के तीन दिन पहले ही उनकी मौत हो गई।

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