हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के अवैध खनन वाले बयान पर खलबली मच गई है. सरकारी के ही अधिकारी ने सांसद के बयान का खंडन किया है, जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी प्रदेश में अवैध खनन की बात को नकार दिया है. उनका कहना है कि इलीगल माइनिंग पर रोक लगी है और राजस्व में बढोतरी हुई है.

बीजेपी महेंद्र भट्ट ने कहा कि आंकड़े साबित करते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष तक खनन राजस्व में 3 गुना से अधिक वृद्धि हुई है. पारदर्शी नीति के कारण माफियाओं से 8 गुना अधिक वसूली हुई. जिससे कांग्रेस परेशान है. राज्य की पारदर्शी और ईमानदार खनन नीति से प्रदेश की आर्थिक सेहत मजबूत हुई है.

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महेंद्र भट्ट ने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार बनने के समय कांग्रेस सरकार मात्र 335.27 करोड़ रुपये का खनन राजस्व छोड़ गई थी. लेकिन भाजपा सरकार के प्रयासों से इसमें लगातार वृद्धि हुई है. खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में 2022 के बाद खनन राजस्व और माफियाओं से हुई वसूली ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं.

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उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1025 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है. जो 1100 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है. कांग्रेस सरकारें खनन माफियाओं के हितों को साधती थीं, जबकि भाजपा सरकार ने पारदर्शी नीतियों के तहत राज्य को राजस्व का लाभ पहुंचाया है.

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दरअसल, सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में अवैध खनन का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में अवैध तरीके से रात में खनन किया जा रहा है. जो कि पर्यावरण और लॉ एंड ऑर्डर के लिए खतरा बनता जा रहा है. सांसद ने टास्क फोर्स और चेकपोस्ट बनाने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर